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नोटबंदी से परेशान कबाड़ कारोबारियों को अब उज़डने का डर

मजदूरों पर दोहरी मार पड़ी है, एक तरफ मोदी सरकार ने नोटबंदी करके पहले ही धंधा चौपट कर दिया और अब केजरीवाल के अफसर उनके मार्केट को ही उजाड़ने में लगे हैं

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नोटबंदी से परेशान कारोबारी
नोटबंदी से परेशान कारोबारी

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नोटबंदी की वजह से पहले से ही परेशानी में चल रहे कबाड़ कारोबारी और इस कारोबार से जुड़े मजदूर अब अपना धंधा उजडने के डर से भी गुज़र रहे हैं. अपने इसी डर को लेकर कबाड़ कारोबारियों ने मजदूरों के साथ एलजी हाउस के पास विरोध प्रदर्शन किया. सैंकड़ों की संख्या में पहुंचे ये कबाड़ व्यवसायी बाहरी दिल्ली के टीकरी गांव में अपना कारोबार करते हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से दिल्ली सरकार के अफसर इनके सामान को ज़ब्त करने के अभियान में लगे हैं. इससे इन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. स्थानीय एसडीएम की टीम बार बार इनके मार्केट में आकर दुकानों और गोदामों के बाहर रखा सामान उठा ले जाती है.

हाथों में तख्तियां लिए ये लोग केजरीवाल सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी कर रहे थे और नोटबंदी के बाद अपनी परेशानियों को भी बयां कर रहे थे. इन कारोबारियों और मजदूरों की अगुआई कांग्रेस के नेता नरेश कुमार कर रहे थे, उनका कहना था कि दिल्ली सरकार के अफसर एनजीटी के आदेश का हवाला देकर मार्केट को उजाडना चाहते हैं, जबकि हकीकत ये है कि एनजीटी में मार्केट एसोसिएशन ने अपना पक्ष रखा है और इस बार अभी सुनवाई चल रही है. लेकिन इसके बावजूद भी अफसर उनके कारोबार को उजाड़ने में लगे हैं.

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मार्केट एसोसिएशन के सदस्य कुलदीप राणा ने कहा कि मजदूरों पर दोहरी मार पड़ी है, एक तरफ मोदी सरकार ने नोटबंदी करके पहले ही धंधा चौपट कर दिया और अब केजरीवाल के अफसर उनके मार्केट को ही उजाड़ने में लगे हैं. एलजी हाउस पर प्रदर्शन करने के बाद इनकारोबारियों का एक प्रतिनिधि मंडल उपराज्यपाल से मिला और उन्हें अपनी समस्याएं बतायीं.

चल रहे अवैध गोदाम

इधर दिल्ली सरकार के अफसरों के मुताबिक टीकरीकलां गांव में पीवीसी मार्केट में अवैध तरीके से जो गोदाम चल रहे हैं उन पर कार्रवाई की जा रही है. कारोबारियों ने तय जगह के अलावा भी अपना कबाड़ फैला ऱखा है, जिसे जब्त किया गया है. इधर कारोबारियों का कहना है कि अगर उनका कारोबार ठप हुआ तो मजदूर तो बेकार होंगे ही, दिल्ली में प्लास्टिक के कूड़े का निपटान भी मुश्किल हो जाएगा. क्योंकि रोज़ाना हज़ारो टन प्लास्टिक कूड़े को निदान इसी कारोबार के ज़रिए होता है.

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