जस्टिस संगीता ढींगरा सहगल ने दिल्ली हाइकोर्ट के पद से अपना इस्तीफा दे दिया है. केंद्र सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी करते हुए उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. नोटिफिकेशन में कहा गया है कि 30 मई 2020 से उनका इस्तीफा मान्य होगा. जस्टिस संगीता ढींगरा सहगल अगले महीने जून में जज के पद से रिटायर होने वाली थीं.
जस्टिस संगीता ढींगरा सहगल अगले महीने दिल्ली हाईकोर्ट से रिटायर हो रही हैं. ऐसे में एक महीने पहले दिल्ली हाईकोर्ट से इस्तीफा देने के पीछे का कारण भी साफ हो गया है. जस्टिस ढींगरा बतौर अध्यक्ष दिल्ली स्टेट कंज्यूमर रिड्रेसल कमीशन को ज्वॉइन करने जा रही हैं. कहा जा रहा है कि उनको कुछ वक्त पहले ही इस्तीफा देकर कमीशन ज्वॉइन करना था, लेकिन कोविड-19 के चलते सरकार की तरफ से इस्तीफा अब स्वीकार हो पाया है.
कोरोना पर फुल कवरेज के लिए यहां क्लिक करें
जस्टिस सहगल ने 1981 में दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री हासिल की और 1983 में एलएलएम की पढ़ाई पूरी की. हाईकोर्ट आने से पहले वह दिल्ली की गई जिला अदालतों में जज के तौर पर काम करती रहीं.
HC में 2016 में स्थायी जज बनीं जस्टिस संगीता
जस्टिस संगीता ढींगरा को कड़े फैसले लेने के लिए जाना जाता रहा है. 2011 में जब वो तीस हजारी कोर्ट में बतौर जज कैश फॉर वोट केस की सुनवाई कर रही थीं, तो अमर सिंह के कोर्ट में पेश न होने पर उनके खिलाफ वारंट जारी कर दिया. वारंट जारी होने के कुछ ही घंटों में अमर सिंह कोर्ट पहुंचे तो जज संगीता ढींगरा ने कोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर रहे अमर सिंह को तिहाड़ भेजने में देर नहीं लगाई.
जस्टिस संगीता सहगल ने अप्रैल 2013 से दिसंबर 2014 तक दिल्ली हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के रूप में भी काम किया. उन्हें 15 दिसंबर 2014 को दिल्ली हाइकोर्ट के एक अतिरिक्त जज के रूप में पदोन्नत किया गया और 2 जून 2016 को हाइकोर्ट में स्थायी जज बनाया गया.