दिल्ली की केजरीवाल सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत ने अब एक एडवाइजरी जारी की है जिसमें विभागों में काम करने वाले अफसर, कमिश्नर और सचिव को कुछ हिदायत दी गई है. इसमें भी वो सदस्य है चाहे किसी भी बोर्ड की मीटिंग हो, या फिर कॉरपोरेशन, कोई प्राइवेट बॉडीज हो, उसमें शामिल होने से पहले सरकार की रजामंदी के अलावा क्या होगा, वहां स्टैंड वो पहले से ही साफ करना होगा.
दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने साफ कहा कि दिल्ली में चुनी हुई सरकार है जिसका पक्ष कैसे, क्या रखना है उसकी मंजूरी लेनी होगी ताकि सरकार के पक्ष को सही ढंग से रखा जा सके.
कैलाश गहलोत के पास परिवहन मंत्रालय के अलावा प्रशासनिक सुधार, आईटी, रेवेन्यू के अलावा कानून मंत्रालय है, उनकी ये एडवाइजरी उनके अंडर आने वाले सभी विभागों में मान्य होगा.
कैलाश गहलोत के मुताबिक, ये कवायद मेट्रो विवाद के बाद उठाई गई जिसमें मीटिंग के सचिव नदारद थे तो किसी में कमिश्नर जिसके बाद ये फैसला लिया गया.
दिल्ली सरकार और अफसरों का टकराव कोई नई बात नहीं है लेकिन तीन साल के अंतराल में कई बार सरकार और अधिकारियों के बीच टकराव हो चुका है.