दिल्ली के कंझावला में अंजलि को कार से 12 किमी घसीटने वाले आरोपियों पर एक्शन के बाद अब दिल्ली पुलिस के उन कर्मचारियों पर गाज गिरी है, जो एक जनवरी के दिन ड्यूटी पर तैनात थे. रोहिणी जिले में पीसीआीर और पिकेट पर तैनात उन सभी 11 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है.
इससे पहले दिल्ली पुलिस की वरिष्ठ अधिकारी शालिनी सिंह की रिपोर्ट के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पुलिस को एक्शन लेने के निर्देश दिए थे. मामले की गंभीरता और उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर पुलिस कंझावला केस के आरोपियों पर 302 यानी हत्या की धारा लगाकर मामले की तफ्तीश करने का निर्देश दिए गए हैं. सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय के निर्देश पर दिल्ली पुलिस ने इस बाबत रिपोर्ट तैयार की थी. रिपोर्ट मिलने के बाद गृह मंत्रालय ने यह महत्वपूर्ण आदेश दिल्ली पुलिस को दिए हैं. बताया जा रहा है कि पुलिस पिकेट और पीसीआर में मौजूद पुलिसकर्मियों पर MHA ने कार्रवाई के निर्देश दिए.
मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि जिस वक्त वारदात हुई, इलाके के डीसीपी स्पष्टीकरण दें कि कानून व्यवस्था के क्या इंतजाम थे. अगर कुछ उचित जवाब नहीं है तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए. एक अन्य निर्देश में कहा गया है कि वारदात की जगह के आस-पास इलाकों में पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था की जाए.
चौकन्नी नहीं दिखी दिल्ली पुलिस
बता दें कि दिल्ली के कंझावला में अंजलि का मौत 1 जनवरी को हुई थी. उसके शव को दिल्ली की सड़कों पर 12 किलोमीटर तक घसीटा गया था. मगर, चौंकाने वाली बात ये है कि ये सब उस रात हुआ, जब पूरा देश न्यू ईयर का जश्न मना रहा था. दिल्ली पुलिस के पुख्ता सुरक्षा के दावों के बीच अंजलि ने सड़क पर ही दम तोड़ दिया था.
क्या थी पूरी घटना?
कंझावला में 1 जनवरी की सुबह एक राहगीर ने कार के पीछे लाश घिसटती देखी थी. इसके बाद उसने पुलिस को करीब 3.24 बजे कॉल की. दीपक नाम के युवक ने बताया था कि वह लगभग 3.15 बजे दूध की डिलीवरी का इंतजार कर रहा था, तभी उसने एक कार को आते देखा. पीछे के पहियों से जोर की आवाज आ रही थी. इसके बाद उसने पुलिस को कार के पीछे शव लटके होने की जानकारी पुलिस को दी थी. दीपक ने कहा था कि वो सुबह 5 बजे तक पुलिस के संपर्क में रहा. मगर, कोई भी मौके पर नहीं आया. उसने बेगमपुर तक कार का पीछा किया.