कंझावला कांड के आरोपी आशुतोष भारद्वाज को दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने जमानत दे दी है. आशुतोष भारद्वाज की बलेनो कार से ही वह हादसा हुआ था, जिसमें अंजलि की जान गई थी. मुख्य पांच आरोपियों के साथ आशुतोष को भी दिल्ली पुलिस ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में रखा था. आशुतोष की जमानत अर्जी पर कोर्ट ने सोमवार को फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे आज मंगलवार को सुनाया गया.
आरोपी आशुतोष भारद्वाज को 50 हजार रुपये के बेल बांड पर जमानत मिली है. कोर्ट ने आशुतोष को जांच में सहयोग करने का निर्देश भी दिया है. कोर्ट ने आशुतोष को सबूतों से छेड़खानी ना करने और गवाहों को प्रभावित ना करने का भी निर्देश दिया है. इसी के साथ वह कोर्ट की इजाजत के बिना दिल्ली से बाहर भी नहीं जा सकता.
दिल्ली पुलिस ने दिए ये तर्क
दिल्ली पुलिस ने आशुतोष की जमानत अर्जी का विरोध किया था. पुलिस ने कहा था कि केस इस वक्त महत्वपूर्ण चरण में है और अभी गवाह से सवाल-जवाब होने हैं. पुलिस ने कोर्ट में एक अहम जानकारी और दी. पुलिस ने बताया कि इस मामले में आईपीसी की धारा 302 (मर्डर) को जोड़ा जाएगा. इस बीच मृतक अंजली के परिवार की तरफ से दावा किया जा रहा है कि अंजली केस में आरोपियों पर हत्या की धारा 302 लगाई जा चुकी है. हालांकि, दिल्ली पुलिस इस बारे में आधिकारिक रूप से अभी कुछ नहीं बोल रही है.
दूसरी तरफ कोर्ट में आशुतोष के वकील ने कहा कि उनपर लगीं धाराएं जमानती हैं. इसी के साथ अबतक आशुतोष ने जांच में सहयोग किया है और केस से जुड़ा दूसरा आरोपी अंकुश भी रिहा हो चुका है.
वहीं सरकारी वकील ने आशुतोष की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा था कि उसने ऐसे शख्स को कार चलाने को दी, जिसके पास ड्राइविंग लाइसेंस तक नहीं था. इसलिए इस केस में उसका क्या रोल था, जिसका पता किया जाना बाकी है. हालांकि, कोर्ट ने आशुतोष को जमानत दे दी.
कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की खिंचाई भी की. कहा गया कि पुलिस अबतक इस केस से जुड़े सभी सीसीटीवी फुटेज जुटाने में सफल नहीं हुई है.
कोर्ट ने कहा कि आशुतोष पर सबूतों को गायब करने और आरोपियों की मदद करने का आरोप है. लेकिन यह भी पता चल रहा है कि उसने ऐसा कथित क्राइम होने के बाद किया था. मतलब हादसे और अंजलि की मौत के बाद. ऐसा भी कोई सीसीटीवी फुटेज या सीडीआर पेश नहीं की गई है जिससे पता चलता हो कि आशुतोष और बाकी सहआरोपी इस क्राइम को प्लान करने के लिए पहले मिले हों. आगे कोर्ट ने कहा कि आरोपी पांच जनवरी से हिरासत में है, आगे इसकी जरूरत नहीं है.
बता दें कि ये मामला 20 साल की अंजलि की मौत से जुड़ा है. जिसकी मौत 31 दिसंबर की रात को सुल्तानपुरी (कंझावला) में हुई थी. अबतक की जांच के मुताबिक, उसकी स्कूटी आरोपियों की बलेनो गाड़ी से टकरा गई थी. इसके बाद अंजलि गाड़ी के नीचे फंस गई लेकिन आरोपियों ने जाने-अनजाने कार नहीं रोकी. वे इसी तरह कार को चलाते रहे. इस दौरान करीब 12 किलोमीटर घिसटने के बाद अंजलि की मौत हो गई.