देश की राजधानी दिल्ली में लोगों को अस्पताल बनवाने के लिए अनशन पर बैठना पड़ रहा है. हैरानी की बात यह है कि इस अस्पताल का शिलान्यास 30 साल पहले राजीव गांधी ने किया था. उसके बाद दिल्ली में अलग-अलग सरकारें आती गईं और अलग-अलग नेता शिलान्यास करते गए. लेकिन आज तक एक पत्थर नहीं रखा गया. यह अस्पताल दिल्ली के बाद बादली के जीवन पार्के इलाके में बनना था.
स्थानीय लोगों ने सोचा कि अब सरकार पर दबाव बनाने के लिए अनशन शुरू किया जाए लेकिन वहां भी सफलता नहीं मिली. 11 दिन के अनशन के बाद सरकार नहीं झुकी तो लोगों को ही झुकना पड़ा. बताया गया इस दौरान लोगों ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से मुलाकात कर अनशन के बारे में बताया तो वह भड़क गए. मंत्री से भी कोई आश्वासन ना मिलने के बाद दूसरी पार्टी के नेताओं के पास भी पहुंचे लेकिन वहां भी उन्हें कोई मदद नहीं मिली.
कपिल का मिला सहारा, विधानसभा में सवाल उठाने की मांग की
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब किसी सरकार और किसी भी पार्टी के नेताओं से मदद नहीं मिली तो उन्होंने दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री रहे कपिल मिश्रा से मदद मांगी. लोगों ने कपिल मिश्रा से अस्पताल का सवाल विधानसभा में उठाने की मांग रखी. रविवार शाम को कपिल मिश्रा मौके पर पहुंचे और अनशन पर बैठे लोगों को जूस पिलाकर उनका अनशन खत्म करवाया और आगे लड़ाई में साथ रहने का वादा किया.