पंद्रह दिन से अनशन पर बैठे अरविंद केजरीवाल ने शनिवार शाम को अपना अनशन तोड़ दिया. अन्ना हजारे ने अरविंद कजेरीवाल से अनशन तोड़ने की अपील की थी. अरविंद केजरीवाल के असहयोग आंदोलन का दूसरा चरण रविवार से शुरू होगा.
कानून तोड़ रहा हूं, रोक सको तो रोक लो: सिसौदिया
बिजली के बढ़े बिल के खिलाफ जारी उपवास तोड़ते हुए केजरीवाल ने कहा कि लोगों को बिजली-पानी मुहैया कराने में अक्षम शीला दीक्षित सरकार को शासन करने का कोई अधिकार नहीं है.
इस मौके पर केजरीवाल ने अपनी पार्टी आम आदमी पार्टी (एपीपी) का लक्ष्य अनौपचारिक रूप से घोषित करते हुए उच्च बिजली बिल को माफ करने और मौजूदा बिजली दर को आधा किए जाने की मांग की. तालियों के बीच नीरू नाम की बच्ची ने नारियल पानी पिलाकर केजरीवाल का उपवास तुड़वाया.
बिजली कंपनियों का दावा, केजरीवाल के आंदोलन का असर नहीं
आम आदमी पार्टी के नेता केजरीवाल ने कहा कि इस आंदोलन में जो लोग शरीक हुए, मैं उनका शुक्रिया अदा करता हूं. मेरे उपवास के बाद एक बात साफ हो गई है कि दिल्ली में विधानसभा का चुनाव बिजली और पानी के मुद्दे पर लड़ा जाएगा.
भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम में समाजसेवी अन्ना हजारे का साथ देकर देशभर में चर्चित चेहरा बने केजरीवाल बिजली-पानी की बढ़ी दरों के खिलाफ केजरीवाल 23 मार्च से उपवास पर थे.
दिल्ली सरकार को नवंबर तक इंतजार करने की चेतावनी देते हुए केजरीवाल ने कहा कि दीक्षित के दिन गिनती के ही बचे हैं. नवंबर महीने में दिल्ली विधानसभा के चुनाव कराए जाएंगे.
केजरीवाल ने कहा कि उनका उपवास राष्ट्रीय राजधानी के लिए था, न कि सत्ता के लिए. उन्होंने कहा कि यदि मैं सत्ता का भूखा होता तो उपवास पर नहीं बैठता. शीला दीक्षित पर बिजली कंपनियों और उद्योगपतियों के हाथों बंधक बताते हुए केजरीवाल ने कहा कि यह हालत ज्यादा दिनों तक नहीं बनी रह सकती.
उन्होंने कहा कि राजनीति ज्यादा समय तक उद्योगपतियों के हाथों का खिलौना नहीं बनी रह सकती. केजरीवाल ने बीजेपी पर भी निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस और बीजेपी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं.