जब दो अक्टूबर को केंद्र की सरकार देशभर में स्वच्छ भारत अभियान चलाएगी, तो दिल्ली की केजरीवाल सरकार इस दिन जश्न-ए-सरसों मनाएगी. दो अक्टूबर को गांधी जयंती के मौके पर दिल्ली सरकार ने जश्न-ए-सरसों मनाने का फैसला किया है. इसका मकसद जीएम सरसों का विरोध करना होगा.
दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा ने इसका ऐलान करते हुए कहा कि देश भर में जीएम सीड्स का विरोध होता रहा है. दुनिया भर में कई देशों मे भी जीएम फसलों का विरोध हो रहा है, ऐसे में गांधी जयंती के दिन दिल्ली सरकार भी जीएम सरसों को लेकर अपना विरोध जश्न-ए-सरसों के जरिए करेगी.
दिल्ली हाट में 'जश्न-ए-सरसों' का आयोजन होगा, जिसमें देश की जानी-मानी हस्तियां शामिल होंगी. इस आयोजन मे खास तौर पर उन लोगों को आमंत्रित किया गया है, जिन्होंने जीएम सीड्स के विरोध में उल्लेखनीय लड़ाई लड़ी है, क्योंकि जीएम फसलों से होने वाले नुकसान की जानकारी लोगों तक पहुंचाना जरूरी है.
दरअसल दिल्ली की आम आदमी पार्टी इस आयोजन के जरिए पंजाब की सियासत भी साधने की कोशिश कर रही है. इसका संकेत कपिल मिश्रा ने इसका संकेत भी दे दिया. कपिल मिश्रा ने कहा कि पंजाब के किसान जीएम सरसों का विरोध लंबे समय से कर रहे हैं. जीएम सरसों को पंजाब के किसानों पर थोपने की कोशिश की जा रही है, लेकिन उन्हें इसके नुकसान नहीं बताए जा रहे, इसलिए 'जश्न-ए-सरसों' का मकसद लोगों में जीएम सरसों के बारे में जानकारी और जागरुकता लाना भी होगा.
मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि इस आयोजन के लिए उन्होंने तमाम स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ ही उन तमाम संगठनों को भी बुलावा भेजा है, जो जीएम बीजों का विरोध करती हैं और इसके खिलाफ लडाई लड़ रही हैं, इनमें स्वदेश जागरण मंच भी शामिल है.