दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने आंकड़े जारी करते हुए दावा किया है कि राजधानी में पिछले ढाई साल में 1 लाख 42 हजार 202 मरीजों का इलाज मुफ्त हुआ है. इनमें हाई एंड डायग्नोस्टिक टेस्ट, सर्जरी और दुर्घटना, आग से जलने वाले और एसिड अटैक आदि शामिल हैं.
केजरीवाल सरकार के प्लान की सूची?
स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने सरकार द्वारा जारी बयान में बताया कि केजरीवाल सरकार ने 2017 में दिल्ली आरोग्य कोष (डीएके) की घोषणा हुई थी. इसमें इन तीन योजनाओं को शामिल किया गया था जिसमें मुफ्त हाई-एंड डायग्नोस्टिक स्कीम, नि: शुल्क सर्जरी योजना, और सड़क दुर्घटनाओं, तेजाब हमलों और थर्मल बर्न इंजरी के पीड़ितों के लिए इलाज की व्यवस्था की गई थी.
स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने आंकड़े जारी करते हुए बताया कि फरवरी 2017 में मुफ्त उच्च-अंत डायग्नोस्टिक्स योजना लागू हुई. 30 जून 2019 तक 1,34,609 रोगियों को इस योजना का लाभ मिला था, जिसमें MRI, CT, PET CT, Nuclear, USG & Doppler, Mammography, ECHO & TMT, EEG और EMG और X-Ray कैशलेश किया गया.
मुफ्त सर्जरी योजना
सत्येन्द्र जैन ने कहा कि इसी प्रकार मार्च 2017 में मुफ्त सर्जरी योजना शुरू की गई थी. जून 2019 तक 4654 रोगियों को कार्डियक सर्जरी, यूरो-सर्जरी, जनरल सर्जरी, लैप-कोलेसीस्टेक्टॉमी, ईएनटी और आंख से संबंधित कैशलेस इलाज मिलेगा.
उन्होंने बताया इसके अलावा केजरीवाल सरकार ने सड़क दुर्घटना, एसिड अटैक और थर्मल बर्न इंजरी के पीड़ितों को कानूनी सहायता देने के लिए फरवरी 2018 में एक योजना शुरू की. सड़क दुर्घटनाओं, एसिड हमलों और थर्मल बर्न इंजरी के सभी पीड़ितों का इलाज किया जाएगा. अगर घटनाएं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में हुई हैं और दिल्ली पुलिस के अधिकार क्षेत्र के तहत, किसी भी नर्सिंग होम /निजी अस्पताल में कैशलेस उपचार के लिए पात्र हैं.
जानकारी के मुताबिक पीड़ित की आय भले ही कितनी भी हो. इस नि: शुल्क सर्जरी योजना के तहत, पीड़ित को घटना के 24 घंटों के भीतर अस्पताल में भर्ती कराया जाना चाहिए और सत्यापन / पात्रता के लिए कोई दस्तावेज ले जाने की आवश्यकता नहीं है. बस यह घटना दिल्ली पुलिस के अधिकार क्षेत्र में हुई हो.
2938 सड़क पीड़ितों का इलाज
15 फरवरी 2018 से 30 जून 2019 तक 2938 सड़क दुर्घटना पीड़ितों और एक एसिड अटैक पीड़ित का निजी अस्पतालों में कैशलेस इलाज किया गया है. दिल्ली सरकार ने मुफ्त में इलाज किया. मैक्स हेल्थकेयर, महाराजा अग्रसेन, भारतीय स्पाइनल इंजरी, मूलचंद, बीएलके अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में यह उपचार हुए हैं.
दिल्ली आरोग्य कोष योजना के तहत 30 जून 2019 तक निजी सुविधाओं में कैशलेस उपचार से इन योजनाओं के तहत फायदा पाने वाले रोगियों की कुल संख्या 1,42.202 (एक लाख बयालीस हजार दो सौ दो) बताई गई है. साथ ही सरकार ने 23 निजी प्रयोगशालाओं को सशक्त बनाने का दावा भी किया है.