दिल्ली की सत्ता संभाल रही केजरीवाल सरकार से कांग्रेस ने बिजली कंपनियों के ऑडिट को लेकर सवाल किया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि 2015 के विधानसभा चुनाव में केजरीवाल सरकार बिजली कंपनियों का ऑडिट कैग से कराने का प्रचार कर रही थी, लेकिन अब छह साल के शासन में ऑडिट आखिर क्यों नहीं कराया गया है?
दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिजली कंपनियां और केजरीवाल सरकार मिलकर चुप-चाप बिजली की दरें बढ़ाने की योजना बना रही हैं. दिल्ली ने बिजली कंपनियों द्वारा बिजली की दरों, सरचार्ज में बढ़ोत्तरी और केयरिंग चार्ज के नए शुल्क का प्रस्ताव डीईआरसी को दिया है, जिसका हम विरोध कर रहे हैं.
उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर आरोप लगते हुए कहा कि दिल्लीवालों को 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने के नाम पर पिछले 6 वर्षों में बिजली कंपनियों को 11,622 करोड़ रुपये सब्सिडी के रूप में दिए गए हैं और हाल ही में पेश किए अपने बजट में 3092 करोड़ राशि बिजली कंपनियों को देने की घोषणा की है.
अनिल चौधरी ने कहा कि शीला दीक्षित की सरकार के अंतिम वर्ष 2013-14 में घरेलू उपभोक्ता के सभी श्रेणियों को सब्सिडी के रूप में दी जाने वाली राशि मात्र 621 करोड़ थी, लेकिन बिजली कंपनियों पर हजारों करोड़ के भ्रष्टाचार के कांग्रेस के आरोप पर अरविन्द केजरीवाल ने बिजली कंपनियों का कैग द्वारा ऑडिट कराने का भरपूर प्रचार किया था, लेकिन मुख्य मुद्दे से जनता का ध्यान भटकाने के लिए सब्सिडी देकर उन्हें गुमराह कर दिया.
उन्होंने कहा कि बिजली कंपनियों द्वारा बिजली की दरों एवं 8 प्रतिशत लिए जा रहे सरचार्ज में बढ़ोत्तरी और केयरिंग चार्ज के नए शुल्क का प्रस्ताव जो डीईआरसी को दिया गया है, कांग्रेस उसका विरोध करेगी. साथ ही कांग्रेस ने मांग की है कि बिजली दरों में किसी तरह की बढ़ोत्तरी से पहले बिजली कंपनियों का कैग द्वारा ऑडिट कराया जाए, ताकि दिल्ली सरकार और बिजली कंपनियों की साठगांठ उजागर हो सके.
अनिल चौधरी ने कहा बिजली बिल पर फिक्स चार्ज में राहत देने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, हारून यूसुफ के नेतृत्व में मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से मुलाकात की गई थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली वालों को फिक्स चार्ज में थोड़ी राहत दी गई, सब्सिडी को उपभोक्ताओं को दिए जाने पर कोई कदम नहीं उठाया गया, जबकि अब तक सब्सिडी की 11622 करोड़ से अधिक राशि बिजली दी गई है. इस मामले की जांच की जानी चाहिए.
तब तक न बढ़ें बिजली के रेट
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल दिल्ली वालों को आश्वासन दें कि जब तक बिजली कंपनियों का कैग द्वारा ऑडिट नहीं होता, तब तक बिजली की दरों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार 0-200 यूनिट घरेलू उपभोक्ता को मुफ्त व 201 से 400 यूनिट के बीच खर्च करने वालों को 800 रुपए की अधिकतम सब्सिडी देती है, परंतु यह क्यों नहीं बताती कि बिल पर फिक्स चार्ज, सरचार्ज, पावर परचेज चार्ज, इलेक्ट्रिसिटी टैक्स के रूप में बिजली कंपनियां बढ़ी हुई दर पर जनता से अनैतिक रूप से वसूली कर रही हैं.