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'ऑड-ईवन फेल नहीं...' केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पेश की साइंटिफिक स्टडी की रिपोर्ट

दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनाना दाखिल करते हुए बताया है कि ऑड-ईवन फार्मूला फेल नहीं है. दिल्ली सरकार ने एक साइंटिफिक स्टडी का हवाला देते हुए कहा है कि इस स्कीम से कई फायदे हुए हैं.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

प्रदूषण के मामले में केजरीवाल सरकार ने ऑड-ईवन को सही बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है. दायर हलफनामे में दिल्ली सरकार ने एक साइंटिफिक स्टडी का हवाला देते हुए कहा है कि इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ा है. हलफनामें में आगे कहा गया है कि इससे सड़कों पर भीड़भाड़ कम हुई है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल में बढ़ोतरी हुई है और ईंधन की खपत की 15 फीसदी कम हुई है.

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बता दें कि बढ़ते प्रदूषण के बीच केजरीवाल सरकार ने एक बार फिर ऑड-ईवन लागू करने का फैसला किया है. यह ऑड -ईवन 13 से 20 नवंबर तक लागू रहेगा. सरकार के फैसले के मुताबिक, दिल्ली में BS 3 पेट्रोल और BS 4 डीजल कार पर बैन जारी रहेगा और किसी भी तरह का निर्माण नहीं होगा.

DPCC ने दायर किया अलग हलफनामा

दिल्ली सरकार के अलावा दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने दिल्ली सरकार से अलग से अपना हलफनामा दायर किया है. इसमें कहा गया है कि स्मॉग टावर्स को प्रायोगिक आधार पर पायलट स्टडी के लिए लगाया गया था. आईआईटी की स्टडी से पता चला है कि स्मॉग टावर का प्रभाव सीमित क्षेत्र तक ही रहता है.

किस दिन कौन सी गाड़ियां चलेंगी?

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा था, 'वायु प्रदूषण को देखते हुए ऑड-ईवन वाहन प्रणाली 13 से 20 नवंबर तक एक सप्ताह के लिए लागू रहेगी. उस एक सप्ताह के ऑड-ईवन की समीक्षा करके, उस समय जो प्रदूषण की स्थिति होगी उसकी समीक्षा करके आगे का निर्णय लिया जाएगा.' ऑड- ईवन के दौरान ऑड वाले दिन 1, 3, 5, 7 और 9 नंबर वाली गाड़ियां (जिनके लास्ट में ये नंबर हैं) वहीं चलेंगी. ईवन वाले दिन जिन गाड़ियों के नंबर के लास्ट में 0, 2, 4, 6 और 8 नंबर हैं वो गाड़ियां चलेंगी.

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समीक्षा के बाद बढ़ाया जा सकता है फैसला

परिवहन मंत्री गोपाल राय ने बताया था कि ऑड-ईवन के लिए संबंधित विभाग जिसमें ट्रांसपोर्ट विभाग और दिल्ली पुलिस भी शामिल हैं. गोपाल राय ने कहा था कि समीक्षा करने के बाद आगे का फैसला लिया जाएगा कि इसे आगे बढ़ाया जाए या नहीं.

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