राजधानी दिल्ली में डेंगू और चिकगुनिया को लेकर केजरीवाल सरकार ने हाई कोर्ट में दिए अपने हलफनामें में एक बार फिर दोहराया है कि 10 सितंबर तक चिकनगुनिया से दिल्ली में एक भी मौत नहीं हुई. जबकि मंगलवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने दावा किया था कि चिकनगुनिया से किसी भी व्यक्ति की मौत हो ही नहीं सकती है.
दिल्ली में एक के बाद एक चिकनगुनिया के मरीजो की मौत की खबरें आ रही हैं. वही दिल्ली हाई कोर्ट में दिए दिल्ली सरकार ने अपने हलफनामे में यह दावा किया है कि 10 सितंबर तक राजधानी दिल्ली में चिकनगुनिया से एक भी मौत नहीं हुई है. इसके अलावा दिल्ली सरकार ने यचिकाकर्ता के इस दावे को भी ठुकरा दिया कि दिल्ली डेंगू से बुरी तरह प्रभावित है. इस बीच दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए यचिकाकर्ता को दो दिन में यह बताने को कहा है कि दिल्ली सरकार और सिविक एजेसियों को डेंगू और चिकनगुनिया के साथ-साथ मलेरिया की रोकथाम के लिए क्या-क्या कदम उठाने चाहिए.
दिल्ली में अब तक चिकनगुनिया के 1057 मरीज सामने आए
वहीं दिल्ली सरकार ने अपने हलफनामे में बताया है कि 10 सितंबर तक 1158 मामले सामने आए, जिनमें 804 दिल्ली और 354 दिल्ली के अस्पतालों में दिल्ली से बाहर के आए हुए मरीज थे. जबकि दिल्ली में
चिकनगुनिया के 1057 मरीज अब तक सामने आए हैं. दिल्ली सरकार ने कोर्ट में दावा किया है कि डेंगू और चिकनगुनिया की रोकथाम के लिए दिल्ली के अस्पतालों में पर्याप्त बेड और दवाइयों की व्यवस्था की गई
है.
सरकार का दावा- 24 घंटे काम कर रहे हैं 26 फीवर क्लीनिक
दिल्ली सरकार ने 26 फीवर क्लीनिक बनाए हैं, जो 24 घंटे काम कर रहे हैं. साथ ही 262 डिस्पेंसरी बनाई हैं, जो 8 बजे से 4 बजे तक काम कर रहे हैं.1 06 आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक 8 से 2 बजे तक काम कर
रहे हैं. सरकारी अस्पतालों में 1000 स्पेशल बेड हैं. साथ ही नर्सिंग होम्स को 10 से 20 फीसदी बेड बढ़ाने के लिए कहा गया है.
20 सितंबर को अगली सुनवाई
दूसरी तरफ यचिकाकर्ता का कहना है कि जमीनी हकीकत और दिल्ली सरकार के दावे में जमीन आसमान का अंतर है. अब 20 सितंबर को दिल्ली हाई कोर्ट में दोबारा इस मामले पर सुनवाई होगी. ऐसे में देखना यह होगा
कि दिल्ली सरकार अपने इस स्टैंड पर कायम रहेगी या फिर नई दलील कोर्ट में रखेगी.