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बिजली कंपनी ने ऐसा क्या किया जो AAP ने बढ़ा दिए दाम: विजेंद्र गुप्ता

विजेंद्र गुप्ता ने कहा, जो लोग कभी बिजली कंपनियों का एकाधिकार समाप्त करने और बिजली कंपनियों के ऑडिट की बात कर सत्ता में आए थे, वही लोग आज निजी बिजली कंपनियों का प्रवक्ता बन गए हैं.

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विजेंद्र गुप्ता
विजेंद्र गुप्ता

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बिजली की कीमतों को लेकर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार पर सवाल किए हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार बिजली कंपनियों का प्रवक्ता बनकर बात कर रही है. वह बताए कि बिजली कंपनियों ने पिछले 6-7 महीनों में ऐसे कौन से बुनियादि बदलाव किए हैं जिसके चलते सरकार जनता से निजी बिजली कंपनियों को स्थाई शुल्क के रूप में भारी राशि दिला रही है.

विजेंद्र गुप्ता ने कहा, जो लोग कभी बिजली कंपनियों का एकाधिकार समाप्त करने और बिजली कंपनियों के ऑडिट की बात कर सत्ता में आए थे तथा जो लोग शीला दीक्षित और बिजली कंपनियों के भ्रष्टाचार को मिटाकर बिजली के रेट कम करने की बात करते थे , वही लोग आज निजी बिजली कंपनियों का प्रवक्ता बन गए हैं. पिछले 6 महीने में इन बिजली कंपनियों को दूसरी बार स्थाई शुल्क बढ़ाकर इन्हें मालामाल कर रहे हैं.

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बीजेपी नेता ने कहा कि पिछले 6 महीने में बिजली कंपनियां स्थाई शुल्क में दो बार बढ़ोतरी कर चुकी हैं. अगस्त 2017 तक स्थाई शुल्क की मात्र 3 श्रेणियां थीं. पहली श्रेणी में 2 किलोवाट तक स्थाई शुल्क मात्र 40 रुपये था, दूसरी श्रेणी में 2 से 5 किलोवाट तक स्थाई शुल्क मात्र 100 रुपया था तथा तीसरी श्रेणी 5 किलोवाट से अधिक भार पर 25 रुपया प्रति किलो वाट लिया जा रहा था.

विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि लेकिन 1 सितंबर 2017 से स्थाई शुल्क की तीन से बढ़ाकर 5 श्रेणियां कर दी गई हैं. पहली श्रेणी में 2 किलोवाट तक 20 रुपये प्रति किलोवाट, दूसरी श्रेणी में 2 किलोवाट से 5 किलोवाट तक 35 रुपये प्रति किलोवाट तथा तीसरी श्रेणी में 5 से 15 किलोवाट तक 45 रुपये प्रति किलोवाट, चौथी श्रेणी में 15 किलोवाट से 25 किलोवाट तक 60 रुपये प्रति किलोवाट तथा पांचवीं श्रेणी में 25 किलोवाट से अधिक भार पर 100 रुपया प्रति किलोवाट कर दी गई है.

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