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हाई कोर्ट ने कहा- AAP के विज्ञापनों पर 6 हफ्ते में फैसला करे कमेटी

दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार के विज्ञापन पर पब्लिक फंड के दुरूपयोग के मामला सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित की गई 3 सदस्यीय कमेटी के पास भेजा दिया है. कमेटी को 4 से 6 हफ्ते में निर्णय लेना होगा कि केजरीवाल सरकार ने फंड का दुरुपयोग किया या नहीं.

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केजरीवाल सरकार पर पब्लिक फंड दुरुपयोग करने का आरोप
केजरीवाल सरकार पर पब्लिक फंड दुरुपयोग करने का आरोप

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दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार के विज्ञापन पर पब्लिक फंड के दुरुपयोग के मामला सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित की गई 3 सदस्यीय कमेटी के पास भेजा दिया है. कमेटी को 4 से 6 हफ्ते में निर्णय लेना होगा कि केजरीवाल सरकार ने फंड का दुरुपयोग किया या नहीं.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्र ने बनाई थी कमेटी
हाई कोर्ट ने कहा कि ये कमेटी ये तय करेगी कि केजरीवाल सरकार ने विज्ञापन दिखाने पर पैसे का दुरूपयोग किया या नहीं. केंद्र सरकार ने अप्रैल में ये कमेटी सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के बाद बनाई है. कमेटी की जिम्मेदारी पब्लिक फंड के दुरुपयोग को राज्य और केंद्र शाषित सरकारों पर नजर रखने की होगी.

कांग्रेस नेता अजय माकन ने दी थी अर्जी
कांग्रेस नेता अजय माकन ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी कि केजरीवाल सरकार पब्लिक फंड का दुरुपयोग कर विज्ञापन दिखा रही है. माकन की तरफ से कोर्ट को बताया और दिखाया गया कि सरकारी खर्चे पर केजरीवाल सरकार दिल्ली के बाहर के राज्यों में आम आदमी पार्टी की छवि को चमकाने की कोशिश कर रही है.

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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है ऐसे विज्ञापन
उन्होंने कहा था कि देश भर में होने वाले चुनावों में अपनी पार्टी को मजबूत करने के लिए केजरीवाल सरकार पब्लिक फंड का बेजा इस्तेमाल कर रही है. ये सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के खिलाफ है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में साफ किया है कि कोई भी सरकार पब्लिक फंड का इस्तेमाल पार्टी के फायदे के लिए नहीं कर सकती.

AAP के विज्ञापन के लिए सरकारी रकम क्यों?
माकन की याचिका में कहा गया कि गोवा और पंजाब, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और दक्षिणी भारत के राज्यों में ये विज्ञापन दिया गया कि हमने मुफ्त पानी दिया है. बिजली के दाम कम किए हैं. कोर्ट में याचिकाकर्ता का तर्क था कि इन विज्ञापनों को दिल्ली में दिया जाना तो समझ में आता है, लेकिन तमिललाडु के लोगों को हिंदी तक नहीं आती, वहां उस विज्ञापन को देने क्या मकसद है. उन्होंने कहा कि वो विज्ञापन भी दिल्ली सरकार नहीं आम आदमी पार्टी की तरफ से दिया जा रहा है. जबकि विज्ञापन देने में पैसे दिल्ली सरकार के खर्च किए जा रहे हैं.

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