राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में घटते जलस्तर में सुधार और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आम आदमी पार्टी सरकार ने 5 कृतिम झील तैयार करने का फैसला लिया है. दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक रोहिणी और निलोठी में दो बड़ी झीलों का निर्माण करने के प्रस्ताव पास किया है. जिसमें रोहिणी में 32 एकड़ जमीन पर कृत्रिम झील बनाई जाएगी, इसकी लागत 53.8 करोड़ रुपये आएगी. वहीं निलोठी में 25 एकड़ जमीन पर भी झील का निर्माण किया जाएगा, इसकी लागत 23.5 करोड़ रुपये होगी.
जल बोर्ड ने इससे पहले नजफगढ़ स्थित 23 एकड़ और द्वारका स्थित 7 एकड़ जमीन में कृत्रिम झील का निर्माण किया था. साथ ही जल्द ही तिमारपुर स्थित 45 एकड़ में झील का निर्माण किया जाना है. फिलहाल पांचों नए कृत्रिम झीलों को पिकनिक स्पॉट के तौर पर विकसित किया जाएगा. इन कृत्रिम झीलों में क्षेत्र के सीवर ट्रीटमेंट प्लांट से साफ पानी को छोड़ा जाएगा. इसके अलावा यहां वर्षा जल का संचय किया जाएगा. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जो कि दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं, ने कृतिम झीलों के फैसले पर ट्वीट कर कहा कि अब दिल्ली भी जल्द झीलों का शहर कहलाएगी. इससे प्रदूषण भी कम होगा, जमीनी जलस्तर बढ़ेगा. केजरीवाल ने दावा किया है कि इन झीलों को टूरिस्ट प्लेस बनाया जाएगा.
इतनी होगी झीलों की क्षमताDelhi will become a city of lakes.
It will reduce pollution, recharge groundwater, make our city beautiful. All these lakes will be developed into tourist places wid beautiful landscapes. https://t.co/U6zSG5NhZB
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 24, 2018
निलोठी झील 40 मीलियन गैलन
रोहिणी झील 15 मीलियन गैलन
तिमारपुर झील 30 मीलियन गैलन
नजफगढ़ झील 38 मीलियन गैलन
द्वारका झील 12.5 मीलियन गैलन
दिल्ली में झील और जोहड़ (कच्चा तालाब) को वैज्ञानिक आधार पर विकसित किया जाएगा. दिल्ली जल बोर्ड आईआईटी दिल्ली, नीरी और वापकोस की मदद से आधुनिक तरीके से इनका निर्माण करेगा. जोहड़ और झील का निर्माण इस प्रकार से किया जाएगा कि एकत्रित किए जाने वाले पानी को जल्द से जल्द भू-जल स्तर तक पहुंचाया जा सके. यदि यह कोशिश सफल रहती है तो दिल्ली के जल स्तर को 15 से 20 फीसदी तब बढ़ाया जा सकता है.