देश की राजधानी में प्रदूषण कम करने के लिए सरकार ने चार पहिया वाहनों में सीएनजी गैस का इस्तेमाल करना शुरू किया था. आज सीएनजी की खपत बढ़ने के साथ ही बाजार में ऐसी कंपनियों की संख्या बढ़ी है जो गाड़ियों में सीएनजी किट लगाने का काम करती हैं. लेकिन हाल ही में फर्जी तरीके से सीएनजी किट लगाने की कई शिकायत मिलने के बाद इसे केजरीवाल सरकार ने किट लगाने पर पूरी तरह प्रतिबन्ध लगा दिया था.
दिल्ली सरकार के मुताबिक परिवहन विभाग जल्द ही केंद्र सरकार से मान्यता प्राप्त कंपनियों के कारोबारियों के लिए ऑनलाइन सीएनजी किट रेट्रोफिटमेंट सर्टिफिकेट के लिए यूजर आईडी और पासवर्ड जारी करेगा. इसका सीधा अर्थ है कि केजरीवाल सरकार सीएनजी किट पर लगे प्रतिबंध को हटाने की तैयारी कर रही है.
रजिस्ट्रेशन का अधिकार दिल्ली सरकार को नहीं
परिवहन मंत्री सत्येन्द्र जैन का कहना है कि 'केंद्र सरकार ने 10 से ज्यादा कंपनियों को सीएनजी किट लगाने की अनुमति दी है और ये साफ कर दूं कि कंपनियों के रजिस्ट्रेशन का अधिकार
दिल्ली सरकार को नहीं है. जब मैंने परिवहन विभाग संभाला था तब इन्हीं कारोबारियों ने आपस में शिकायत की थी कि एक किट के सर्टिफिकेट की फोटोकॉपी से 50 नकली किट लगवाए जा
रहे हैं.' सत्येन्द्र जैन के मुताबिक कारोबारियों की शिकायत मिलने के बाद सरकार ने पुलिस में पूरे मामले की शिकायत भी दर्ज की थी. और सीएनजी किट लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया
था.
नया सिस्टम जल्द आएगा
केजरीवाल सरकार ने सीएनजी किट लगाने की गड़बड़ियों से निपटने के लिए एक नया सिस्टम तैयार किया है. सत्येन्द्र जैन का कहना है कि 'अगर नकली सीएनजी किट लग जाती है तो जान
को खतरा हो जाता है. इसलिए हमने नया सिस्टम बनाया है, जिसमें जो कारोबारी इंपोर्ट या इसका निर्माण कर रहा है वो अपनी जानकारी वेबसाइट पर डालेगा. अगर कोई रि-फिट करेगा तब भी
सारी जानकारी वेबसाइट पर डालनी होगी ताकि एक किट को एक ही बार लगाया जा सके.' सत्येन्द्र जैन ने आगे कहा कि परिवहन विभाग उन्हीं कंपनियों को किट लगाने की अनुमति देगा
जिन्हें केंद्र सरकार से अनुमति मिली हुई है. सरकार का मानना है कि नए सिस्टम से नकली किट लगाने की गुंजाईश खत्म हो जाएगी.'
गलत काम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करे सरकार
इससे पहले सीएनजी किट के काम से जुड़े कारोबारियों ने केजरीवाल सरकार से 20 जून के सर्कुलर को वापस लेने की मांग की थी और कहा था कि जो गलत काम कर रहे हैं उनके खिलाफ
परिवहन विभाग कार्रवाई करे न कि पूरे कारोबार को ही बंद कर दे. आपको बता दें कि जून के महीने में गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद सरकार ने सीएनजी किट लगाने पर रोक लगाने का
आदेश जारी किया था. दरअसल 1 जनवरी से 16 जून तक 6 महीने में 80 हजार वाहनों में सीएनजी किट लगाए गए, लेकिन इनमें से ज्यादा किट तय मानकों के मुताबिक नहीं थे.