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जनता से सुझाव लेने के बाद फिर से ऑड-इवन लागू कर सकती है केजरीवाल सरकार

केजरीवाल सरकार सर्दी के मौसम में दिल्ली में एक बार फिर ऑड-इवन लागू कर सकती है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने आज तक से बातचीत में बताया कि वक्त आने पर दिल्ली की जनता से पूछा जाएगा कि ऑड-इवन लागू हो या नहीं. उन्होंने कहा कि पहले भी ऑड-इवन दिल्ली की जनता ने लागू कराया था. हम प्रदूषण का स्तर देख रहे हैं.

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ऑड-इवन को लेकर जनता से सुझाव मांगे
ऑड-इवन को लेकर जनता से सुझाव मांगे

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केजरीवाल सरकार सर्दी के मौसम में दिल्ली में एक बार फिर ऑड-इवन लागू कर सकती है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने आज तक से बातचीत में बताया कि वक्त आने पर दिल्ली की जनता से पूछा जाएगा कि ऑड-इवन लागू हो या नहीं. उन्होंने कहा कि पहले भी ऑड-इवन दिल्ली की जनता ने लागू कराया था. हम प्रदूषण का स्तर देख रहे हैं.

देश की राजधानी में अक्टूबर की शुरुआत होते ही ठंड के साथ में धुंधलापन महसूस होने लगा है. दरअसल ये उस खतरनाक प्रदूषण की दस्तक है जो फेंफड़ों में ज़हरीली हवा पहुंचाकर हमारी सेहत बिगाड़ रहा है. जैसे-जैसे ठंड बढ़ेगी, हवा में PM 2.5 और PM 10 स्तर भी बढ़ेगा. ऐसे में दिल्ली सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए कितनी तैयार है, ये जानने के लिए 'आज तक' ने इमरान हुसैन से एक्सक्लूसिव बातचीत की.

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सरकार ने पड़ोसी राज्यों के किसानों से की ये अपील
हाल ही में दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पंजाब को चिट्ठी लिखकर किसानों को फसलों में आग न लगाने देने की अपील की है. पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने बताया, 'अक्टूबर के पहले हफ्ते में किसान अपनी फसल काट लेते हैं और उसका कचरा जलाते हैं. इसके लिए हमने पड़ोसी राज्यों को चिट्ठी लिखी है और केंद्र सरकार से अपील की है इस पर ध्यान दें. सरकार को इस पर ध्यान देना होगा क्योंकि बहुत सी ऐसी तकनीक है ताकि कचरा जलाना न पड़े. मुझे लगता है इससे प्रदूषण बहुत हद तक कम होगा.'

हालांकि सवाल ये उठता है कि क्या सरकार बाकी देशों की तर्ज पर देश की राजधानी में भी पॉल्यूशन अलर्ट जारी करने के बारे में सोच रही है? जवाब देते हुए इमरान हुसैन ने कहा, 'पिछले डेढ़ साल से हर महीने दिल्ली सचिवालय में बैठक की जाती है जिसमे सिविक एजेंसी और लैंड एजेंसी शामिल होती है. कचरा और पत्तियों को जलाने पर हमने एसडीएम को पावर दी है कि 5 हजार रुपये का जुर्माना करें. एनजीटी का भी आदेश है जो कंस्ट्रक्शन साइट है वो नियम का पालन नहीं करेगा तो 50 हजार तक फाइन लगाया हुआ है.'

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'लैंड फिल साइट्स पर आगजनी रोकने की कोशिश'
हवा में विषैले तत्व बढ़ने पर सबसे ज्यादा तकलीफ सांस लेने से पीड़ि‍त लोगों को होती है. ऐसे में ज़रूरी हो जाता है कि शहर में धूल से हो रहे प्रदूषण के अलावा, लैंड फिल साइट पर लगने वाली आग को फैलने से रोका जाए. मंत्री हुसैन ने दिल्लीवालों को सलाह देते हुए कहा है कि कोई अपना मकान बना रहा है तो वो नियम का ध्यान रखे और ईंट, रेत को ढककर ले जाये ताकि धूल से प्रदूषण न हो. इमरान हुसैन का कहना है कि लैंड फिल साइट पर आग न लगे इसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं. लेकिन एमसीडी को भी ध्यान रखना चाहिए की आग न लगे.

क्या है ऑड-इवन फॉर्मूला?
केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में प्रदूषण का स्तर घटाने के लिए इसी साल जनवरी में ऑड-इवन फॉर्मूला की शुरुआत की थी. इस फॉर्मूले के मुताबिक अगर आपकी गाड़ी की नंबर प्लेट का आखिरी नंबर ऑड (1,3,5,7,9) है तो आप महीने की 1, 3, 5, 7, 9, 11,13 और 15 तारीख को ही गाड़ी चला सकते क्योंकि इन तारीखों में ऑड नंबर की गाड़ियां चलेंगी. इसी तरह अगर आपकी गाड़ी का आखिरी नंबर इवन (2,4,6,8,0) है तो आप महीने की 2, 4, 6, 8, 10, 12 और 14 तारीख को ही गाड़ी निकाल सकते क्योंकि इन तारीखों में इवन नंबर की गाड़ियां चलेंगी.

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