दिल्ली सरकार सड़क दुर्घटना संबंधित मौत के मामले कम करने के मकसद से अब दिल्ली में 'जीरो फैटलिटी कॉरिडोर' मॉडल लागू करने की तैयारी कर रही है. दिल्ली परिवहन विभाग ने बुधवार को सड़क सुरक्षा पर सेवलाइफ फाउंडेशन के साथ एक परिशिष्ट समझौते (Addendum Agreement) पर हस्ताक्षर किए और एमओयू को 4 और वर्षों के लिए बढ़ा दिया. दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत, विशेष आयुक्त (सड़क सुरक्षा), सेवलाइफ फाउंडेशन के संस्थापक और सीईओ द्वारा समझौते पर हस्ताक्षर किया गया.
इससे पहले 2018 में, दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने शहर में सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए सेवलाइफ फाउंडेशन के साथ 2 साल के लिए एमओयू समझौता किया था. इसके बाद, आउटर रिंग रोड पर ब्लैक स्पॉट की पहचान की गई और सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए भलस्वा चौक पर एक परीक्षण किया गया.
भलस्वा चौक पर सड़कों को फिर से डिज़ाइन किया गया, जिसके बाद यातायात भी सुचारु हो गया और रोड एक्सीडेंट की कोई घटना भी नहीं घटी. इस परियोजना के अंतर्गत पैदल यात्री जोखिम दूरी में 70% की कमी के माध्यम से सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों में 100 % की कमी दर्ज की गई. इस परिक्षण में आसपास के स्कूली बच्चों सहित 12000 लोग शामिल हुए.
दिल्ली सरकार का दावा है कि सेवलाइफ फाउंडेशन का 'जीरो फैटलिटी कॉरिडोर' मॉडल 360-डिग्री हस्तक्षेप के माध्यम से सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों की संख्या को कम करने का प्रयास करता है. इसके अंतर्गत 4E- सड़क सुरक्षा इंजीनियरिंग (Engineering), प्रवर्तन (Enforcement), आपातकालीन सेवा (Emergency Services) और शिक्षा (Education) को लागू करना शामिल है.
शहर में सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली चोटों और मौतों को कम करने के लिए, दिल्ली सरकार ने 16 जून को सेवलाइफ फाउंडेशन के साथ साझेदारी में शहर के बाकी हिस्सों में भी 'जीरो फैटलिटी कॉरिडोर' मॉडल का विस्तार किया. इस साझेदारी के तहत अगले 2 वर्षों में शहर के विभिन्न जिलों के 8 ब्लैक स्पॉट और 5 दुर्घटना संभावित क्षेत्रों को सुरक्षित बनाया जाएगा.
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि 2019 में दिल्ली में सड़क दुर्घटनाओं में 1463 लोगों की जान गई. कोविड काल में भी दिल्ली में घातक दुर्घटनाओं की संख्या में 13.5 फीसदी की कमी आई और मृत्यु दर में 13.43% की कमी आई. गहलोत ने कहा कि इस पहल के माध्यम से हमारा लक्ष्य दिल्ली की सड़कों को देश में सबसे सुरक्षित बनाना है.