अगर आपने अरविंद केजरीवाल की कोई स्पीच सुनी है तो उसमें मोहल्ला क्लीनिक का जिक्र जरूर हुआ होगा. मुख्यमंत्री ने कई बार कहा है कि हमारे मोहल्ला क्लीनिक की तारीफ अमेरिका ने भी की है. जाहिर है दिल्ली सरकार के इस ड्रीम प्रोजेक्ट में सरकार का सबसे ज्यादा ध्यान था बावजूद इसके सरकार अपने वादे में फेल हो गई है.
साल 2016 खत्म हो गया पर आम आदमी पार्टी सरकार का एक और बडा वादा अधूरा रह गया. सरकार ने दिल्ली में साल 2016 के अंत तक एक हजार मोहल्ला क्लीनिक खोलने का वादा किया था. लेकिन बने महज 110 ही यानी टार्गेट का केवल 11 फीसदी. और उसमें भी कई मोहल्ला क्लीनिक अस्थाई रूप से लोगों के घर में किराए पर खोले गए हैं, इन्हे बाद में सही ढंग से बनाने की बात कही गई थी.
ऐसा नहीं है कि दिल्ली सरकार को ये पता नहीं था. यही वजह है कि बीते कई महीनों से ही मोहल्ला क्लीनिक पर जमकर राजनीति गर्मा चुकी है एलजी से टकराव का बड़ा विवाद तो था ही. बीच में स्वास्थ्य मंत्री की बेटी के नाम भी विवाद जुड़ गया.
मोहल्ला क्लीनिक को लेकर विरोधी दलों के नेता सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते हैं. यही कारण है कि कांग्रेस-बीजेपी एक सुर में सरकार पर हमलावर है. सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन एलजी पर इशारों में आरोप लगाते हुए कहते है कि आपको बताने की जरूरत नहीं कि ये वादा किसकी वजह से पूरा नहीं हो पाया. हालांकि अब उम्मीद जताई कि अगले कुछ महीनों में टार्गेट पूरा कर दिया जाएगा.
बहरहाल, सरकार के इन बहानों से दिल्ली की जनता कितनी संतुष्ट होगी ये भी देखना होगा और नए साल से नए एलजी के साथ काम कितनी तेजी से होता है.