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दिल्‍ली में चलेंगी 1 हजार इलेक्‍ट्रिक बसें, अगले साल से मिलेगी सुविधा!

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने और बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए इलेक्ट्रि‌क बसों के पूरे प्रोजेक्ट के लिए दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मॉडल ट्रांजिट सिस्टम (डीआईएमटीएस) को सलाहकार के तौर पर जिम्‍मेदारी दी गयी है. जो अगले तीन महीने में इस प्रोजेक्ट की लागत, तकनीक, प्लानिंग और हर एक हिस्से से जुड़ी स्टडी के बाद रिपोर्ट देगी. 

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प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर
प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

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दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार को दिल्ली कैबिनेट से 1 हजार इलेक्ट्रिक बसें चलाने के लिए सलाहकार नियुक्त करने की आधिकारिक मंजूरी मिल गयी है. केजरीवाल सरकार का दावा है कि जून 2019 तक दिल्ली की सड़कों पर इलेक्ट्रिक बसों की शुरुवात हो जाएगी.

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने और बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए इलेक्ट्रि‌क बसों के पूरे प्रोजेक्ट के लिए दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मॉडल ट्रांजिट सिस्टम (डीआईएमटीएस) को सलाहकार के तौर पर जिम्‍मेदारी दी गयी है. जो अगले तीन महीने में इस प्रोजेक्ट की लागत, तकनीक, प्लानिंग और हर एक हिस्से से जुड़ी स्टडी के बाद रिपोर्ट देगी.  

गहलोत ने कहा कि दुनिया में इतनी इलेक्ट्रिक बसें एक साथ सड़कों पर नहीं आई. पहले दिल्ली में सीएनजी से क्रांति आई थी. अब इसमें इलेक्ट्रिक बसों का नया अध्याय जुड़ जाएगा. मंत्री ने उम्मीद जताई है कि आने वाले दिनों में पूरा ट्रांस्पोर्ट सिस्टम ई ट्रांसपोर्ट बन जाएगा.

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डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कैबिनेट के फैसले के बारे में बताया कि स्टडी रिपोर्ट के आधार पर बसों को लाने का फाइनैंशल मॉडल तय किया जाएगा और अगले साल जून-जुलाई से इलेक्ट्रिक बसें दिल्ली की सड़कों पर दौड़नें लगेंगी. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक दिल्ली सरकार ने हाइड्रोजन टेक्नोलॉजी के इस्‍तेमाल को लेकर स्टडी करने के निर्देश भी ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट को दिए हैं. इस टेक्नोलॉजी पर आधारित पब्लिक ट्रांसपोर्ट की गाड़ियों को भी दिल्ली में चलाने पर विचार किया जा रहा है.

कैबिनेट के फैसले के बारे में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर बताया कि, ''कैबिनेट ने दिल्ली में एक हजार इलेक्ट्रिक बसें चलाने के लिए कंसल्टैंट नियुक्त करने की मंजूरी दे दी है. दिल्ली के पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को आधुनिक बनाने और प्रदूषण घटाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है.''

आपको बता दें कि दिल्ली विधानसभा ने 2018-19 'ग्रीन' बजट पास किया था, जिसमें एक हजार इलेक्ट्रिक बसों को लाने की बात कही गई थी. डिप्टी सीएम ने बताया कि बजट के मुताबिक इन बसों के लिए टाइमलाइन तीन महीने लेट है और कैबिनेट ने इसको भी मंजूरी दी है. उन्होंने कहा कि चीन को छोड़कर कहीं पर भी इतनी बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक बसें चलाने की तैयारी नहीं की गई है. भारत में केवल 30 इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं, जिनमें से 25 बसें हिमाचल प्रदेश में और 5 बसें मुंबई में हैं. इसके अलावा देश के 10 राज्यों में सिर्फ 440 बसों के लिए टेंडर जारी किया है.

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सिसोदिया ने कहा कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को मजबूत बनाने और प्रदूषण से निपटने का ठोस समाधान इलेक्ट्रिक गाड़ियां हैं. सरकार चाहती है कि दिल्ली में सारे पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को ई-वीकल में बदला जाए. बसों के साथ-साथ टैक्सी व पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम के दूसरे साधन भी ई-वीकल में बदल दिए जाएंगे. उन्होंने बताया कि इन बसों के लिए फाइनैंशल मॉडल क्या होगा और कितनी सब्सिडी दी जाएगी, इस पर फैसला डिम्ट्स की स्टडी रिपोर्ट के बाद होगा.

इलेक्ट्रानिक बसों का चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर कैसा होगा और किन-किन बस डिपो में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार होगा, इसके बारे में पूरा प्लान तैयार किया जाए. परिवहन विभाग इन एक हजार इलेक्ट्रिक बसों के लिए पूर्वी विनोद नगर, बवाना सेक्टर 5, बुराड़ी, रोहिणी सेक्टर 37, रेवला खानपुर और नरेला में बस डिपो का निर्माण करेगा. इन डिपो में इलेक्ट्रिक बसों के चार्ज करने और चार्जिंग का इंतजाम होगा जिसके लिए डिस्कॉम की मदद ली जाएगी.

आपको बता दें कि दिल्ली में 10 मार्च 2016 से 2 जुलाई 2016 तक डीटीसी ने एक इलेक्ट्रिक बस का ट्रायल किया था. यह इलेक्ट्रिक बस 16 हजार 915 किलोमीटर चली थी, इस दौरान केवल एक बार पंचर होने के कारण इस बस का बेक्रडाउन हुआ था.

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