दिल्ली की अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में आम आदमी पार्टी की सरकार ने राजधानी में ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार के लिए बड़ा फैसला किया है. सार्वजनिक परिवहन विभाग यानी पीडब्ल्यूडी राजधानी की 1260 सड़कों को अगले तीन साल में री-डिजायन करेगी. इसके साथ ही सड़कों पर किए गए सभी अवैध निर्माण को भी हटाने का भी फैसला किया गया है. साथ ही सड़कों पर अवैध रूप से रह रहे लोगों को भी हटाया जाएगा.
बीआरटी पर भी फैसला
बीआरटी रोड के बारे में भी दिल्ली सरकार ने अपना रूख साफ किया है. पुरानी बीआरटी को दोषपूर्ण माना गया है जिससे लोगों की मुश्किलें बढ़ी हैं. इसके साथ ही दिल्ली सरकार ने घोषणा की कि बीआरटी का नया मॉडल तैयार किया जाएगा और इस नये मॉडल के साथ 12 क्षेत्रों में सड़कों की परियोजनाओं पर विचार किया जा रहा है .
पीडब्ल्यूडी के तहत होगा सुधार
वर्तमान में दिल्ली की 1260 सड़कें दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग के तहत आती हैं . विभाग इन्हीं सारी सड़कों को री-डिजायन करेगी. सरकार ने ये फैसला दिल्ली की सड़कों पर गाड़ियों की बढ़ती संख्या और इससे उत्पन्न होने वाली परेशानियों को देखते हुए किया है.
राजधानी में समस्या काफी विकराल
राजधानी में रोजाना करीब 800 दोपहिया वाहन पंजीकृत होते हैं. लगभग 450 कारें रोज पंजीकृत की जाती हैं. दिल्ली में 11 हजार बसों की जरूरत बताई गई है, मौजूदा समय में छह हजार बसें राजधानी की सड़कों पर दौड़ रही हैं. दिल्ली मेट्रो रेल नेटवर्क 190 किलोमीटर है. 80 हजार ऑटो रिक्शा चल रहे हैं. टैक्सियों की संख्या करीब 15 हजार है. रिक्शे भी करीब पांच लाख हैं.
कई और भी समस्याएं