दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष और उत्तर पूर्वी दिल्ली से लोकसभा सांसद मनोज तिवारी ने दिल्ली सरकार पर अपनी लोकसभा क्षेत्र की गंभीर अनदेखी का आरोप लगाते हुए आमरण अनशन किया.
बता दें कि नॉर्थ ईस्ट दिल्ली लोकसभा सीट की सड़कों पर ट्रैफिक जाम की समस्या बीते कई सालों से और ज्यादा भयानक होती जा रही है, इसी मुद्दे को लेकर मनोज तिवारी ने शास्त्री पार्क चौक पर आमरण अनशन किया.
आजतक की टीम ने नॉर्थ ईस्ट दिल्ली लोकसभा में जाकर जनता से बात की और जनता के मन को जाना कि आखिर उनकी लोकसभा के पिछड़ेपन के लिए सांसद मनोज तिवारी या फिर दिल्ली सरकार या दोनों ही जिम्मेदार हैं.
आजतक की टीम जमीनी हकीकत जानने के लिए सबसे पहले नॉर्थ ईस्ट दिल्ली लोकसभा के करावल नगर इलाके में पहुंची जहां पर मौजूद लोगों ने माना कि वजीराबाद पुल बंद हो जाने से ट्रैफिक की समस्या यहां की प्रमुख समस्या है, जिसके चलते घंटों लोगों को जाम में गुजारने पड़ते हैं. करावल नगर के लोगों ने कहा कि मनोज तिवारी ने अनशन करके इलाके के लोगों की आवाज को सरकार तक पहुंचाया है, बेशक देर से ही सही. इलाके के लोगों ने कहा कि सांसद कभी-कभी इलाके में आते भी रहते हैं.
आजतक की टीम जमीनी पड़ताल करने के लिए नॉर्थ ईस्ट लोकसभा की घोंडा नामक जगह पर पहुंची जहां मौजूद लोगों ने इलाके के पिछड़ेपन के लिए क्षेत्रीय सांसद और दिल्ली सरकार दोनों को बराबर का जिम्मेदार ठहराया. घोंडा से पूर्व विधायक रहे भीष्म शर्मा ने कहा कि मनोज तिवारी इलाके में नहीं आते तो दूसरी तरफ केजरीवाल सरकार के विधायक जनता की नहीं सुनते, क्षेत्र की जनता दोनों से ही नाराज और परेशान है.
वहीं करावल नगर से विधायक कपिल मिश्रा ने माना कि नॉर्थ ईस्ट लोकसभा के पिछड़ेपन के लिए हम सब लोग सामूहिक रूप से जिम्मेदार हैं और हमें इस लड़ाई को और आगे ले कर जाना होगा.