दिल्ली प्रदेश के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर आज अजीबोगरीब नजारे देखने को मिले. जहां उनके घर के बाहर अमूमन फरियादियों और धरना-प्रदर्शन करने वालों की भीड़ होती है. वहीं गुरुवार की शाम बीते 2 महीने से धरने पर बैठी आंगनवाड़ी की महिलाएं नारे और विरोध करने के बजाय नाचना-गाना शुरू कर दिया.
दरअसल, ये खुशी इनकी तनख्वाह बढ़ने की थी. दिल्ली सरकार ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की सैलरी बढ़ाने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. इसी खुशी में इन महिला आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने धरना खत्म करने से पहले खूब डांस किया और मिठाइयां भी बांटीं. आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शिवानी कहती हैं कि इस बार भी सरकार ने तनख्वाह बढ़ाने का ऐलान किया था लेकिन उन्हें पूरा भरोसा नहीं था. सरकार के नोटिफिकेशन से उन सभी के बीच खुशी की लहर है.
सरकार ने लगाई धरने पर पाबंदी...
दिल्ली सरकार ने इस बीच एक फैसला लिया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर कोई धरना-प्रदर्शन नहीं होगा. इसके साथ ही धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों को भी तुरंत हटाने के लिए सरकार की ओर से पुलिस को चिट्ठी लिखी गई है. इसके साथ ही एमसीडी के सिविल लाइन्स के डिप्टी कमिश्नर को भी चिठ्ठी लिखकर धरने पर बैठे लोगों को हटाकर रास्ता खाली कराने के लिए कहा गया है.
पीडब्ल्यूडी के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर ने फ्लैग स्टाफ रोड के आरडब्ल्यूए के लेटर का हवाला देकर कहा है कि धरना-प्रदर्शन की वजह से इस इलाके में रहने वाले लोगों और स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए परेशानियां खड़ी हो गई हैं. चिठ्ठी में पीडब्ल्यूडी की तरफ से लिखा गया है कि पिछले महीनों से लगातार सीएम के घर के बाहर धरना-प्रदर्शन और मार्च हो रहे हैं. जिसमें कई प्रदर्शनकारी न सिर्फ शोर शराबा और हंगामा करते हैं. बल्कि, पूरे इलाके को गंदा भी कर रहे हैं. ऐसे में ये धरना और विरोध प्रदर्शन यहां रहनेवालों के लिए एक समस्या बन गया है