दिल्ली में बीजेपी की ओर से सरकार बनाने की अटकलों के बीच आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल नजीब जंग को भी लपेटे में ले लिया है. उन्होंने कहा है कि देखना यह होगा कि उपराज्यपाल अपनी कुर्सी बचाते हैं या संविधान की रक्षा करते हैं.
केजरीवाल ने जंग पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या उपराज्यपाल को विधायकों के समर्थन का पत्र नहीं मांगना चाहिए. अगर वह ऐसा नहीं करते तो पक्षपात करेंगे.
Wud
LG save his chair or the constitution - nation will keenly
watch.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal)
July 17, 2014
केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा था, 'जनता की नाराजगी के बावजूद उपराज्यपाल गुरुवार को बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता दे सकते हैं, जिसे बीजेपी स्वीकार कर लेगी. बीजेपी के पास अब भी संख्या नहीं है. कांग्रेस विधायक अभी भी तैयार नहीं हैं. बीजेपी का आकलन है कि शपथ लेने के बाद विधायकों को खरीदना आसान हो जाएगा.'
उन्होंने कहा, उपराज्यपाल अपनी कुर्सी बचाते हैं या संविधान को, इसे देश उत्सुकता से देखेगा. अगर कोई पार्टी (बीजेपी) पहले ही एक बार सरकार बनाने से इनकार कर चुकी है तो क्या एलजी उसी पार्टी को एक बार फिर इसी विधानसभा में आमंत्रित कर सकते हैं. क्या उपराज्यपाल को पहले समर्थन देने वाले विधायकों की सूची नहीं मांगनी चाहिए? क्या ऐसा नहीं करने पर उपराज्यपाल पक्षपात करते हुए नहीं माने जाएंगे.
AAP नेता आशुतोष ने भी उपराज्यपाल पर निशाना साधा. ट्विटर पर उन्होंने लिखा कि क्या कारण है कि केंद्र सरकार ने यूपीए के समय नियुक्त किए गए राज्यपालों को पद छोड़ने को कहा, लेकिन नजीब जंग को बख्श दिया.
Every UPA appointed governor was asked to leave by Modi Govt except Delhi Lt Governor . Why ? Is There any reason !!!
— ashutosh (@ashutosh83B) July 17, 2014
President of India can meet AAP MLAs in 24
hours but Delhi Lt.Governor has no time for elected
representatives! Does not it raise suspicion?
— ashutosh (@ashutosh83B) July 17, 2014
BJP
has history of forming govt with the help Of immoral
means-be it Reddy brothers in Karnataka or Mafia dons
in Kalyan singh Govt in UP.
— ashutosh
(@ashutosh83B) July 17, 2014