scorecardresearch
 

जन लोकपाल पर केजरीवाल से खफा एलजी नजीब जंग, कहा- बिल पास करने से पहले मुझे भेजना जरूरी था

दिल्ली के उप-राज्यपाल नजीब जंग ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की लोकपाल पर लिखी गई चिट्ठी का जवाब भेज दिया है. इस चिट्ढी में केजरीवाल को साफ तौर पर कहा गया है कि लोकपाल बिल कैबिनेट में पास कराने से पहले उप-राज्यपाल को भेजना जरुरी था जो कि नहीं किया गया.

Advertisement
X
File photo: अरविंद केजरीवाल
File photo: अरविंद केजरीवाल

दिल्ली के उप-राज्यपाल नजीब जंग ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की लोकपाल पर लिखी गई चिट्ठी का जवाब भेज दिया है. इस चिट्ठी में केजरीवाल को साफ तौर पर कहा गया है कि लोकपाल बिल कैबिनेट में पास कराने से पहले उप-राज्यपाल को भेजना जरूरी था जो कि नहीं किया गया.

Advertisement

उप-राज्यपाल ने कहा है कि ट्रांजैक्शन ऑफ बिजनेस नियम के मुताबिक किसी भी बिल को कैबिनेट में पेश करने से पहले उपराज्यपाल को भेजना जरूरी होता है जो नहीं किया गया. इसी तरीके से जीएनसीटीडी कानून की धारा 22 (3) भी साफ तौर पर कहती है कोई भी प्रस्तावित बिल विधानसभा में सरकार तब तक पास नहीं कर सकती जब तक उसकी अनुशंसा उप-राज्यपाल ने न की हो.

इसके साथ ही उप-राज्यपाल ने दो टूक शब्दों में केजरीवाल सरकार को ये भी लिख दिया कि दिल्ली की सरकार जीएनसीटीडी कानून 1991 और ट्रांजैक्शन ऑफ बिजनेस नियम, 1993 के मुताबिक ही चलती है. इसलिए दिल्ली की कैबिनेट को ये पसंद हो या नापसंद मगर इस पूरे मसले पर स्थिति तब तक नहीं बदल सकती जब तक इसे उचित मंच पर चुनौती नहीं दी जाए.

Advertisement

अपनी चिट्ठी में उप-राज्यपाल ने ये भी कहा है कि दिल्ली सरकार के वित्त विभाग, कानून विभाग और प्रशासन सुधार विभाग ने भी लोकपाल बिल पर ये आपत्ति उठाई थी कि इसे बिना उप-राज्यपाल की मंजूरी के पास नहीं किया जा सकता, जिसे दिल्ली कैबिनेट ने मानने से इनकार कर दिया.

सॉलिसिटर जनरल से राय लेने के मसले पर उप-राज्यपाल ने साफ किया है कि उन्होंने बिल पर राय नहीं मांगी. बल्कि 31 जनवरी को लिखी अपनी चिट्ठी में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जनलोकपाल पेश करने और विधानसभा का सत्र इंदिरा गांधी स्टेडियम में पेश करने की मंशा जाहिर की थी, इसलिए सॉलिसिटर जनरल से महज ये राय मांगी गई कि विधानसभा में बिल को पेश करने का तरीका क्या है.

इंदिरा गांधी स्टेडियम में सत्र बुलाने की बात पर उप-राज्यपाल ने कहा है कि इसमें पुलिस का पक्ष जान लेना जरूरी होगा. क्योंकि ये पूरा मसला कानून व्यवस्था और सुरक्षा से जुड़ा हुआ है. कौन वहां आएगा इसकी पहचान करना मुश्किल होगा. उप-राज्यपाल ने सचिवालय के सामने आयोजित किए गए जनता दरबार में हुई गड़बड़ी का भी अपनी चिट्ठी में हवाला दिया है और केजरीवाल से कहा है कि वो अपने इस फैसले पर पुनर्विचार कर लें.

जनलोकपाल बिल पर बढ़े बवाल पर उप-राज्यपाल ने यही कहा है कि इस मामले पर केंद्रीय कानून मंत्रालय से राय मांगी गई है और उसी के मुताबिक आगे की कार्रवाई होगी.

Live TV

Advertisement
Advertisement