दिल्ली के कार्यवाहक मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल 22 सितंबर को जंतर-मंतर पर 'जनता की अदालत' लगाएंगे. बीते दिनों जमानत मिलने के बाद तिहाड़ जेल से रिहा हुए केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. अब उनकी जगह आतिशी को विधायक दल का नेता चुना गया है, आतिशी जल्द ही सीएम पद की शपथ लेंगी.
मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने के बाद केजरीवाल पहली बार जंतर-मंतर से बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे. दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री आतिशी के शपथ ग्रहण समारोह के ठीक अगले दिन यानी 22 सितंबर को केजरीवाल विधानसभा चुनाव प्रचार की रणनीति का आगाज करेंगे. इस कार्यक्रम को 'जनता की अदालत' का नाम दिया गया है, जिसमें दिल्ली के सभी मंत्री, विधायक और AAP नेता शामिल होंगे.
जंतर-मंतर पर इस कार्यक्रम के जरिए आम आदमी पार्टी जनता के बीच अपनी पकड़ को मजबूत करने की कोशिश करेगी. साथ ही AAP नेताओं के जेल जाने से पार्टी की छवि को जो नुकसान हुआ है, उसमें सुधार लाने की रणनीति पर जोर दिया जाएगा. केजरीवाल ने पार्टी कार्यकर्ताओं के संबोधित करते हुए इस्तीफा दिया था और कहा था कि जब तक जनता की अदालत में उन्हें ईमानदार साबित न कर दिया जाए, तब तक वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे.
बीजेपी, केजरीवाल के जेल जाने के बाद से लगातार उनपर इस्तीफे का दबाव बना रही थी और आम आदमी पार्टी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगा रही थी, लेकिन केजरीवाल ने जेल से बाहर आने के बाद कुर्सी छोड़ने का ऐलान किया और अपनी जगह पार्टी की भरोसेमंद नेता आतिशी को सीएम की कुर्सी पर बैठाने का फैसला किया है.