अन्ना इंडिया अगेंस्ट करप्शन के निर्माता है, अगर उन्होंने चिंता जताई है, तो हमारा कर्तव्य बनता है कि हम उनको तसल्लीबख्श जवाब दें.
वह न होते, तो यह आंदोलन न होता. उन्हीं के नाम ये सह पूरा मूवमेंट चला है. और आम आदमी पार्टी अन्ना आंदोलन की ही तो उपज है. तो उनकी जवाबदेही तो बनती ही है. देखिए ऐसा है कि अन्ना आंदोलन से जुड़े हम जैसे लोग जो पॉलिटिकल पार्टी नें नहीं जाना चाहते थे, वे अलग हो गए. लेकिन ये तो पार्टी बनाने वाले लोगों को ही देखना और तय करना होगा कि वे कब अन्ना का नाम लेना बंद करें. क्योंकि अन्ना सभी को साफ साफ कह चुके हैं कि मैं राजनीति में विश्वास नहीं करता.
अन्ना की कुर्बानी और उनकी उम्र की इज्जत करना हमारा कर्तव्य है. अगर उन्होंने चिट्ठी में मुद्दे उठाए हैं तो अरविंद को चाहिए कि उसका जवाब दें. आम आदमी पार्टी के कैंपेन पर सवाल उठ रहे हैं, अगर हमें पॉलिटिक्स को लोगों के बीच प्रिय बनाना है, तो आप को अपने कैंपेन में सभ्यता लानी होगी.