डीडीसीए में भ्रष्टाचार मामले को लेकर अब बीजेपी के खुद के घराने में आग लगती दिख रही है. वित्त मंत्री अरुण जेटली पर आर्थिक अनियमितताओं संबंधी आरोप लगा चुके पार्टी सांसद कीर्ति आजाद के तेवर पार्टी से मिली हिदायत के बाद और तल्ख हो गए हैं. गुरुवार शाम वह पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामलाल से मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन आक्रामता घटने की बजाय बढ़ गई है.
'आज तक' के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में कीर्ति आजाद ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने अभी मामले में 15 फीसदी ही खुलासे किए हैं, बाकी के 85 फीसदी खुलासे वह रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में करने वाले हैं. पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि वह किसी से नहीं डरते और पार्टी ने कभी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने से मना नहीं किया है.
कीर्ति आजाद ने कहा, 'मेरी लड़ाई भ्रष्टाचार के खिलाफ है. मैं अपनी पार्टी या किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं हूं. मुझे न तो किसी का डर है और न ही निलंबन का. मैंने कुछ गलत नहीं किया है. आम आदमी पार्टी ने सिर्फ 15 फीसदी खुलासे किए हैं. बाकी के 85 फीसदी खुलासे मैं रविवार को 4 बजे शाम में करूंगा.
'आठ साल से उठा रहा हूं मामले'
बीजेपी सांसद ने कहा कि वह बीते 8 वर्षों से मुद्दे उठा रहे हैं. सीबीआई ने 1982 में DDCA अधिकारियों को गिरफ्तार किया था, लेकिन कुछ नहीं बदला. उन्होंने कहा, 'मैं पीछे नहीं हटूंगा और बोलता रहूंगा. जेटली जी वित्त मंत्री बनने से पहले डीडीसीए के अध्यक्ष थे.'
गौरतलब है कि दिल्ली सचिवालय पर सीबीआई छापे के बाद डीडीसीए में भ्रष्टाचार को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पहले से ही वित्त मंत्री अरुण जेटली पर हमलावर है. दोनों दलों ने जेटली के इस्तीफे की मांग की है. गुरुवार शाम कीर्ति आजाद को बयान पर सफाई के लिए बीजेपी नेतृत्व द्वारा तलब किया गया था. उम्मीद थी कि इसके बाद उनके बोल नरम होंगे.
'14 फर्जी कंपनियों को दिए गए 87 करोड़'
इससे पहले, DDCA में जेटली की कथित भूमिका के सवाल पर BJP सांसद कीर्ति झा आजाद ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, 'यह DDCA में भ्रष्टाचार का मामला है. मेरे साथ बिशन सिंह बेदी, मनिंदर सिंह और सुरेंदर खन्ना जैसे पूर्व क्रिकेटर भी शामिल हैं. ये लोग समय-समय पर भ्रष्टाचार को लेकर लिखते रहे हैं.'
कीर्ति ने बताया कि CBI ने 40 दिन पहले DDCA को नोटिस भेजा है और इनसे 40 सवाल पूछे गए हैं. CBI के सवालों की फेहरिस्त में चार्टर्ड अकाउंटेंट की नियुक्ति से लेकर टेंडर की प्रक्रिया तक से जुड़े सवाल हैं. कीर्ति ने DDCA पर आरोप लगाया है कि 14 फर्जी कंपनियों को 87 करोड़ रुपये दिए गए.
'पैसे का नहीं रखा गया हिसाब'
उन्होंने कहा, 'स्टेडियम बनाने वाली कंपनी ने 24 करोड़ में होने वाले काम को 57 करोड़ में पूरा किया.' कीर्ति कहते हैं कि इस पैसे का कोई हिसाब ही नहीं है कि यह किन मदों में खर्च हुआ. कीर्ति ने साफ तौर पर कहा है कि यह जिस समय की बात है, उस समय DDCA के अध्यक्ष अरुण जेटली ही थे. उन्होंने कहा कि जानकारी दिए जाने के बावजूद इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की गई.