कृषि कानूनों के विरोध में हुए आंदोलन के करीब डेढ साल बाद एक बार फिर हजारों किसान दिल्ली के रामलीला मैदान में जुटने लगे हैं. ये किसान महापंचायत न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी की मांग को लेकर हो रही है. इसमें किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमने एमएसपी कमेटी की मांग नहीं बल्कि एमएसपी गारंटी कानून की मांग की है. हम यहां केंद्र सरकार से मिलने आए हैं. हमारे अंदर ईगो नहीं है. मामले को आपसी सहमति से सुलझा लेना चाहिए. सरकार को चाहिए कि एमएसपी गारंटी से जुड़ा बिल संसद में पेश करके इसे पास कराए.
'मुजफ्फरनगर में बीजेपी को एक सीट पर पहुंचा दिया'
इस दौरान टिकैत ने बीजेपी पर सीधा हमला बोला. उन्होंने कहा कि पूर्व में हुए चुनाव में हमने मुजफ्फरनगर में बीजेपी को 8 सीटों से घटाकर एक सीट पर पहुंचा दिया है. आगामी लोकसभा चुनाव में पूरे देश में बीजेपी का ऐसा ही हश्र होगा.
'आश्वासन पूरे और किसानों के संकट कम करे सरकार'
संयुक्त किसान मोर्चा ने मांग की है कि केंद्र सरकार ने 9 दिसंबर को जो लिखित में आश्वासन दिए थे, उन्हें पूरा करे और किसानों के सामने लगातार बढ़ते संकट को कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाए. दरअसल, केंद्र सरकार ने सितंबर 2020 में संसद में तीन कृषि कानून पास किए थे. इन कानूनों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा, यूपी, एमपी समेत देश के तमाम राज्यों के किसानों ने दिल्ली में कूच किया था.
एक साल तक दिल्ली के बॉर्डरों पर डटे रहे थे किसान
करीब एक साल तक किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे रहे थे. इसके बाद किसानों से कई स्तर की बातचीत के बाद सरकार ने तीनों कानूनों को वापस लिया था. साथ ही किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने और एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित किसानों की लंबित मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया था.
'सरकार कमेटी को भंग करे और MSP पर कानून लाए'
इसके साथ ही केंद्र सरकार ने एमएसपी पर सुझाव के लिए 29 सदस्यीय एक कमेटी का गठन किया था. लेकिन किसान संगठन इस कमेटी से संतुष्ट नहीं हैं. किसानों की मांग है कि सरकार कमेटी को भंग करे और MSP पर कानून लाए. इसी मांग को लेकर अब किसानों ने एक बार फिर दिल्ली का रुख किया है. संयुक्त किसान मोर्चा एमएसपी पर सुझाव के लिए बनी समिति को भंग करने की मांग की है. किसानों का आरोप है कि यह उनकी मांगों के विपरीत है.
SKM का दावा- महापंचायत में देशभर से लाखों किसान जुटेंगे
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) का दावा है कि किसान महापंचायत में देशभर से लाखों किसान जुटेंगे. ऐसे में इसे किसान आंदोलन 2.0 की तैयारी भी मानी जा रही है. उधर, केंद्र सरकार ने किसानों को रुख देखते हुए किसान संगठनों के नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ किसान नेताओं की बैठक हुई. हालांकि, इसमें कोई बात बनती नहीं दिख रही है. बैठक के बाद किसान नेताओं ने कहा कि अगर हमारी बात नहीं मानी गई, तो 20-21 दिन में आंदोलन करेंगे.