सर्वोच्च न्यायालय ने ब्रिटेन से कोहिनूर हीरा वापस लाने के सरकार के प्रयास की निगरानी से इनकार करते हुए कहा कि अदालत ब्रिटेन को हीरा लौटाने या उसे नीलाम न करने का आदेश नहीं दे सकती. सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जगदीश सिंह केहर, न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति किशन कौल की सदस्यता वाली पीठ ने एनजीओ ऑल इंडिया ह्यूमन राइट्स एंड सोशल जस्टिस फंट्र की कोहिनूर हीरे को देश में वापस लाने का निर्देश देने संबंधी याचिका खारिज करते हुए ये बात कही.
पीठ ने कहा, 'हम हैरान हैं कि एक भारतीय अदालत ब्रिटेन में मौजूद किसी चीज को वापस लाने का आदेश कैसे दे सकती है?' अदालत ने कहा, 'क्या हम ये आदेश दे सकते हैं कि ब्रिटेन को कोई संपत्ति नीलाम नहीं करनी चाहिए?'
पीठ ने अब ब्रिटिश ताज पर जड़े हीरे को वापस लाने के सरकार के प्रयास की निगरानी करने की एनजीओ की याचिका खारिज करते हुए कहा कि सरकार कूटनीतिक प्रयासों की निगरानी नहीं कर सकती. शीर्ष न्यायालय ने ऑल इंडिया ह्यूमन राइट्स एंड सोशल जस्टिस फ्रंट और हेरिटेज बंगाल की याचिका खारिज करते हुए कहा कि अदालत सरकार के जवाब से संतुष्ट है कि वो हीरा वापस लाने का प्रयास कर रही है.