दिल्ली विधानसभा में जनलोकपाल बिल पेश करने वाली आम आदमी पार्टी अपने ही पुराने साथियों के निशाने पर आ गई. चारों तरफ से हमला होते देख पार्टी अन्ना हजारे की शरण में जा पहुंची. कुमार विश्वास और संजय सिंह अन्ना से मिलने उनके गांव रालेगण सिद्धी पहुंचे.
अन्ना से मुलाकात करने के बाद कुमार विश्वास ने कहा कि हमने अन्ना जी के सुझाव सरकार को दे दिए हैं. जांच का सुझाव भी हमने मान लिया है, जिसमें केंद्र के विभाग में जांच वाली बात भी थी. विश्वास ने कहा कि खुद प्रशांत जी ने भी कहा कि 15 ड्राफ्ट बने. बिल जब रखे जाते हैं तो संशोधन होते हैं.
बिल का विरोध करने वाले प्रशांत भूषण पर हमला करते हुए विश्वास ने कहा कि रामलीला मैदान के बाद भी बिल बदले लेकिन उत्तेजित होकर साथी को बदजात कहना ठीक नहीं है. प्रशांत ने बिल पर केजरीवाल को बहस की खुली चुनौती दी थी. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से बहस होनी चाहिए लेकिन बहस में ये ना हो की राघव बदजात है और आशीष चौकीदार है. बेशक अरविन्द से भी बहस कर लें. अब ज्यादा बेहतर होगा की प्रशांत भूषण अन्ना हजारे से बहस कर लें.
कांग्रेस द्वारा बिल का समर्थन करने पर कुमार विश्वास ने कहा कि कांग्रेस अगर समर्थन करना चाहती है तो जहां उनकी सरकार है वहां ये बिल लगवा दें. क्यों राहुल गांधी लोकपाल की नियुक्ति नहीं करवाते?. उम्मीद है मोदी सरकार इसे पास करके मजबूत लोकपाल दिल्ली वालों को देगी.