AAP नेता कुमार विश्वास गुरुवार को लगातार दूसरे दिन दिल्ली महिला आयोग के सामने पेश नहीं हुए. आयोग ने एक महिला कार्यकर्ता की ओर से उनके साथ अवैध संबंधों की अफवाहों का खंडन न करने के आरोप से जुड़े विवाद पर उन्हें पेश होने का नोटिस भेजा था.
दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष बरखा शुक्ला सिंह ने बुधवार को पत्रकारों से कहा, ‘हमने पीड़ित महिला के पति को आयोग में बुलाया था और वह आए. हमारी कोशिश थी कि महिला और उसके पति के बीच संबंध सामान्य हो जाएं क्योंकि महिला का आरोप है कि कुमार विश्वास से अवैध संबंधों की अफवाहों के बाद उसके पति ने उसे छोड़ दिया. कुमार विश्वास ने आज भी यहां पहुंचना जरूरी नहीं समझा.’ डीसीडब्ल्यू ने चार मई को विश्वास और उनकी पत्नी को नोटिस जारी कर पेश होने को कहा था लेकिन विश्वास नहीं आये और उन्होंने कहा कि आयोग से कोई नोटिस नहीं मिला है.
इसके बाद आयोग ने कल नए सिरे से नोटिस जारी किया और उनसे पेश होने को कहा. बरखा सिंह ने टीवी कैमरों के सामने विश्वास से आयोग में आने का और महिला के परिवार को बचाने का अनुरोध किया था.
आयोग में मौजूद फरियादी महिला का आरोप था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और विश्वास बहुत असंवेदनशील हैं. उसने कहा, ‘विश्वास और केजरीवाल को अपने सम्मान की चिंता है, मेरे और मेरे परिवार का क्या?’ महिला के पति ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं चाहता हूं कि कुमार विश्वास और उनकी पत्नी आएं और सफाई दें, उसके बाद ही मैं अपनी पत्नी को स्वीकार करंगा.’ बाद में महिला फरियादी और आयोग में आये आप के एक कार्यकर्ता के बीच कहासुनी हो गई.
बाहरी लोगों की ओर से आयोग की कार्यवाही को बाधित करने से नाराज आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि AAP के लोग प्रेस कॉन्फ्रेंस और मामले में सुनवाई को बाधित कर रहे हैं और वह इस बारे में गृह मंत्री, उपराज्यपाल तथा दिल्ली पुलिस कमिश्नर को चिट्ठी लिखेंगी.
(इनपुट: भाषा)