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राज्यसभा के लिए विश्वास को ना! लेकिन अन्य क्यों ठुकरा रहे AAP का ऑफर?

केजरीवाल की ओर से अभी तक कई अन्य लोगों को भी राज्यसभा सीट का ऑफर दिया था. पार्टी किसी मजबूत चेहरे को राज्यसभा में भेजना चाहती है, लेकिन अभी तक जिसे भी पार्टी की तरफ से अप्रोच किया गया है, उसने मना ही किया है.

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आप में राज्यसभा के लिए खींचतान
आप में राज्यसभा के लिए खींचतान

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राज्यसभा में दिल्ली की ओर से राज्यसभा के लिए तीन सांसद चुने जाने हैं. इसको लेकर आम आदमी पार्टी में घमासान जारी है. पार्टी नेता और कवि कुमार विश्वास के समर्थक लगातार उन्हें राज्यसभा भेजने की मांग कर रहे हैं, तो वहीं अभी पार्टी की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. विश्वास ने भी ट्विटर के जरिए अपने समर्थकों को कहा है कि उनके लिए राज्यसभा सीट मायने नहीं रखती है, पहले देश फिर पार्टी.

आम आदमी पार्टी के एक सूत्र ने बताया कि यह निश्चित है कि आम आदमी पार्टी की ओर से कुमार विश्वास राज्यसभा नहीं जाएंगे. सूत्रों की मानें तो विश्वास ने पिछले कुछ समय में पार्टी के स्टैंड से हटकर बातें कही हैं, जिनसे पार्टी खुश नहीं है. साफ है कि राज्यसभा के लिए 5 जनवरी तक नामांकन करने की आखिरी तारीख है.

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केजरीवाल की ओर से अभी तक कई अन्य लोगों को भी राज्यसभा सीट का ऑफर दिया था. पार्टी किसी मजबूत चेहरे को राज्यसभा में भेजना चाहती है, लेकिन अभी तक जिसे भी पार्टी की तरफ से अप्रोच किया गया है, उसने मना ही किया है.

अब तक कई दिग्गजों को किया अप्रोच

सूत्रों की मानें, तो आम आदमी पार्टी की ओर से अभी तक पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी जैसे बड़े दिग्गजों को राज्यसभा सीट की पेशकश की जा चुकी है. ये तीनों ही मोदी सरकार के धुरविरोधी रहे हैं. इनके अलावा भी पार्टी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज टीएस ठाकुर, इंफोसिस प्रमुख नारायण मूर्ति, नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी और बिजनेज़मैन सुनील मुंजल को अप्रोच किया जा चुका है.

हालांकि, अभी तक इन सभी की ओर से कोई बड़ा कारण सामने नहीं आया है जिसके कारण उन्होंने इस पेशकश को ठुकराया हो. लेकिन कहा जा सकता है कि आम आदमी पार्टी की नीतियों से ये खुश नहीं हैं.

विश्वास का ट्वीट के जरिए तंज

कुमार विश्वास के समर्थकों ने दिल्ली पार्टी दफ्तर पर हंगामा किया, और उन्हें राज्यसभा भेजने की मांग की. हालांकि, कुमार ने ट्वीट किया जिसके भी कई मतलब निकल सकते हैं. उन्होंने लिखा कि ''मैनें आप सब से सदा कहा है, पहले देश, फिर दल, फिर व्यक्ति. पार्टी मुख्यालय पर जमा कार्यकर्ताओं से निवेदन है कि स्वराज, Back2Basic, पारदर्शिता के मुद्दों के लिए संघर्ष करें, मेरे हित-अहित के लिए नहीं. स्मरण रखिए अभिमन्यु के वध में भी उसकी विजय है".

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इसके अलावा इस तरह की भी खबरें हैं कि शायद केजरीवाल अभी अपने पत्ते नहीं खोलना चाहते हैं. उन्होंने पहले ही अपने तीन नाम चुन रखे हैं. इनमें सबसे आगे पार्टी नेता संजय सिंह और पत्रकार से नेता बने आशुतोष का नाम है. संजय सिंह का पार्टी संगठन में महत्वपूर्ण स्थान है. लेकिन अभी भी पार्टी के आखिरी फैसले का इंतज़ार है. इस मुद्दे पर पार्टी मीटिंग में फैसला हो सकता है.

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