करीब एक महीने के बाद लालू प्रसाद यादव को सोमवार को एम्स से छुट्टी दे दी गई और उनको वापस रांची के मेडिकल कॉलेज में भेज दिया गया. आजतक से खास बातचीत में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने बताया कि वह इस तरीके से डिस्चार्ज किए जाने से खासे नाराज हैं.
लालू यादव का कहना है कि उनको अभी इलाज की जरूरत है. उनको कई बीमारियां हैं जिसका इलाज AIIMS में ही हो सकता है. मगर उनको राजनीतिक दबाव के चलते डिस्चार्ज किया गया है और इस कदम से लालू काफी नाराज दिखे. उन्होंने एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि उनके डिस्चार्ज करने के पीछे राजनीतिक साजिश है. जबकि वह अभी पूरी तरीके से ठीक नहीं हैं. उनको इलाज की जरूरत है.
आजतक से खास बातचीत में लालू यादव ने कहा कि बीजेपी और सीबीआई के दबाव के चलते उनको डिस्चार्ज किया गया है. इसके पीछे एक साजिश है. उनको शुगर किडनी की बीमारी है और उनकी आंख का ऑपरेशन होना है. बहुत सी ऐसी बीमारी है जिसका इलाज केवल दिल्ली के इस बड़े अस्पताल में ही हो सकता है. लालू यादव का कहना है कि हर मरीज का यह अधिकार होता है कि वह अपना अच्छे से अच्छा इलाज ले सकें, अपने स्वास्थ्य के लिए अपने ठीक होने के लिए. लेकिन उनको इससे वंचित किया जा रहा है.
बता दें कि लालू प्रसाद यादव ने 29 अप्रैल को एम्स के डायरेक्टर को चिट्ठी लिखी. जिसमें उनके डिस्चार्ज होने की बात कही गई और कहा कि वह डिस्चार्ज नहीं होना चाहते हैं. जबकि उनको डिस्चार्ज किया जा रहा है. इसमें राजनीतिक दबाव है. उन्हें डिस्चार्ज करने से पहले सोमवार की सुबह राहुल गांधी भी लालू प्रसाद यादव से जाकर मिले थे. उनका हालचाल जाना था.
इस मुलाकात के बाद खबर आई कि लालू यादव दोपहर डिस्चार्ज हो रहे हैं और करीब 3:00 बजे वह डिस्चार्ज होकर रांची के लिए निकल गए. उनके डिस्चार्ज होते वक्त सुरक्षा के भारी इंतजाम किए गए थे. कई लेयर की सुरक्षा लगाई गई थी. दिल्ली पुलिस, झारखंड पुलिस और कई गार्ड तैनात किए गए थे. इसके बाद उनको नई दिल्ली रेलवे स्टेशन ले जाया गया. जहां से 4:00 बजे की ट्रेन से वो रांची के लिए निकल गए. वहां पर रांची मेडिकल कॉलेज में उनका इलाज होगा. इससे पहले भी वह रांची मेडिकल कॉलेज में एडमिट थे. वहीं से उनको दिल्ली के एम्स में गया था.