जमीन मिलने में देरी की वजह से दिल्ली मेट्रो के फेज 3 काम के पूरा होने पर सवालिया निशान लग रहे हैं. दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के चीफ मंगु सिंह ने इस महीने की शुरुआत में स्टेट चीफ सेक्रेटरी डी एम स्पोलिक को इसकी जानकारी दी थी. उन्होंने अपने पत्र में साफ साफ लिखा, 'अभी तक जमीन मिलने की देरी को डीएमआरसी जैसे तैसे संभालती आई है. लेकिन और वक्त लगा तो काम पूरा करने में भी देरी हो जाएगी. अगर जमीन तुरंत उपलब्ध नहीं करवाई गई, तो निर्धारित समय पर कंस्ट्रक्शन का काम पूरा नहीं हो सकता.' 11 नवंबर को भेजे गए इस पत्र की एक कॉपी लेफ्टिनेंट गर्वनर नजीब जंग को दी गई थी.
जमीन मिलने में देरी का सबसे ज्यादा असर लाइन 7 पर होगा जो कि मुकुंदपुर से लेकर शिव विहार तक है. ये लाइन करीब 56.8 किमी. लंबी है और बहुत ज्यादा भीड़-भाड़ वाले इलाकों से होकर गुजरती है.
मुकुंदपुर से मायापुरी तक की 12.5 किमी लंबी और मायापुरी से लाजपत नगर की लाइंस भी इस लिस्ट में हैं. सरकारी सूत्रों के अनुसार, 'कई जगह पर डीडीए ने आधिकारिक तौर पर जमीन डीएमआरसी को सौंपी दी है. लेकिन काम में देरी इसलिए हो रही है क्योंकि वहां रहने वाले लोगों ने अभी तक जगह खाली नहीं की है, या फिर उन्होंने कोर्ट में इसके खिलाफ अर्जी दी है.