देश की संसद पर ठीक 22 साल पहले 13 दिसंबर को हमला हुआ था. इसी तारीख को बुधवार के दिन फिर से लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था तार-तार हो गई. दो युवक लोकसभा की दर्शक दीर्घा से सदन के भीतर सांसदों के बीच कूद गए. नारेबाजी करने लगे. सांसदों की तरफ मेज पर फांदते हुए दौड़ने लगे और जूते में छिपाकर लाए गए कलर स्मोक से धुआं धुआं कर दिया. जिस संसद के बाहर सुरक्षा का खुफिया अलर्ट था. जिस संसद के भीतर तीन लेयर की सिक्योरिटी होती है, वहां कलर स्मोक को जूते में छिपाकर दो लोग सदन के भीतर पहुंच जाते हैं. आखिर कैसे?
सवाल ये भी है कि जिस संसद के भीतर मोबाइल फोन तक नहीं ले जा सकते, वहां पर दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन में कूद जाते हैं. संसद में सांसदों की सिफारिश पर बने विजिटर पास से एंट्री होती है. वहां पर मैसूर के बीजेपी सांसद ने सुरक्षा भेदने वालों को पास की सिफारिश कर दी. इतना ही नहीं, संसद में हाई सिक्योरिटी की बात कही जाती है, वहां पर 28 मिनट में अंदर और बाहर बड़ी सुरक्षा चूक हुई. 2001 में आज ही के दिन हमला हुआ था. ऐसे में 13 तारीख को संसद की सिक्योरिटी प्रोटोकॉल और दुरुस्त होने थे. लेकिन बड़ी चूक हुई.
बताया जा रहा है कि सुरक्षा एजेंसी को पहले से इनपुट था, कुछ लोग हंगामा कर सकते हैं. इनपुट के बाद भी अंदर और बाहर हंगामा हुआ. एजेंसियां इसे सुरक्षा में चूक मानकर चल रही हैं. संसद में सुरक्षा चूक की शुरुआत पर्लियामेंट के गेट के बाहर से होती है. संसद के भीतर जाने का ये गेट जहां से सांसद प्रवेश करते हैं. गेट से महज 100 कदम की दूरी पर बुधवार दोपहर 12.33 बजे लाल और पीले रंग का कलर स्मोक छोड़कर दो प्रदर्शनकारी नारेबाजी शुरु करते हैं.
संसद की सुरक्षा भेदने वाले लोगों की संख्या 6 बताई जा रही है. जिसमें 4 मुख्य आरोपी संसद के बाहर और भीतर सिक्योरिटी चैलेंज करते हैं, ये चार अलग-अलग राज्यों के हैं. पुलिस ने इस घटना को अंजाम देने वाले आऱोपी सागर, मनोरंजन, नीलम और अमोल शिंदे को अरेस्ट कर लिया है. बता दें कि इस घटना के बाद विजिटल गैलरी में जाने वाला पास दिया जाना फिलहाल रोक दिया गया है. आरोपी का एंट्री पास मैसूर के बीजेपी सांसद की सिफारिश पर बना था. विपक्ष अब पूछ रहा है कि क्या एक्शन लिया जाएगा?
संसद में कब क्या हुआ?
बुधवार दोपहर एक बजे का वक्त था. चेयर पर उस वक्त राजेंद्र अग्रवाल थे. सामने लोकसभा में बीजेपी सांसद खगेन मुर्मू अपनी बात रख रहे थे. दोपहर एक बजकर एक मिनट पर आवाज आई कि कोई गिर गया. फिर तुरंत चेयर पर मौजूद राजेंद्र अग्रवाल सदन को दो बजे तक स्थगित कर देते हैं. चेयर पर मौजूद राजेंद्र अग्रवाल अपनी बात पूरी भी नहीं कर पाए, तब तक सांसदों के बीच कूदा हुआ एक शख्स नजर आता है. जो एक के बाद एक सांसदों के बीच ही मेज फांदता हुआ दिखता है. फांदते-फांदते सदन में कूदा ये शख्स अपने जूते से कुछ निकालता दिखता है. तब तक इस शख्स को घेरने के लिए आगे बढ़ते सदन के ही सांसद नजर आते हैं. लोकसभा में पहले सागर शर्मा और फिर मनोरंजन नाम के दो युवक कूदते हैं. दावा है कि सागर शर्मा नाम का आरोपी सदन में सांसदों के बीच मेज पर फांदता दिखता है. इसको सदन के भीतर हनुमान बेनीवाल, मलूक नागर, गुरजीत सिंह समेत कई सांसद मिलकर पकड़ लेते हैं और सुरक्षाकर्मियों के हवाले करते हैं.
घटना के बाद क्या बोले स्पीकर ओम बिरला?
सदन जब दोबारा दो बजे शुरू होता है तो स्पीकर ओम बिरला भरोसा देते हैं कि जांच पूरी होगी और चिंता की बात नहीं है. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि जो घटना शून्यकाल में घटित हुई थी, उस घटना की लोकसभा अपने स्तर पर संपूर्ण जांच कर रही है. इस संबंध में दिल्ली पुलिस को जरूरी निर्देश दे दिए हैं. हम सबकी चिंता थी कि वो धुआं क्या था, प्रारंभिक जांच में वो साधारण धुआं और सनसनीाफैलाने वाला धुआं था. धुआं चिंता का विषय नहीं है. प्रारंभिक जांच कर ली है.
विपक्ष ने लगाए ये गंभीर आरोप
संसद के बाहर और भीतर जिस कलर स्प्रे का इस्तेमाल हुआ, उसमें कोई खतरनाक केमिकल या विस्फोटक नहीं, बल्कि एक साधारण रंग का स्प्रे था. जिसका इस्तेमाल उत्सवों के दौरान होता रहा है. दोनों तरह के रंग जो बाहर-अंदर इस्तेमाल हुए हैं, वो दोनों का कंपोजीशन यानी मिश्रण एक है. यानी ये चारों लोग मिलकर इस चिंताभरी घटना को अंजाम देने आए. वहीं, विपक्ष के आरोप जो सर्वदलीय बैठक में आए हैं वो और चौंकाते हैं. संसद की सुरक्षा में चूक के बाद सर्वदलीय बैठक में विपक्ष का पहला आरोप ये था कि संसद में सुरक्षाकर्मियों की 150 पोस्ट खाली पड़ी हुई हैं. विपक्ष का दूसरा आरोप है कि सांसदों को संसद के मकर द्वार पर भारी भीड़ में आना जाना पड़ता है. विपक्ष का तीसरा आरोप ये है कि जिस तरह दोनों आरोपी सदन में कूदे वो ट्रेनिंग लिए हुए लगते हैं. विपक्ष का सबसे गंभीर आरोप है कि आरोपी का पास 11.30 बजे से 12.15 बजे तक का ही था, लेकिन वो उससे भी आधे घंटे ज्यादा तक दर्शक दीर्घा में मौजूद रहा.
अभी भी अनसुलझे हैं कई सवाल
संसद भवन के अंदर इस तरह कूदने की और संसद के बाहर नारे लगाने की चारों की क्या मंशा थी, फिलहाल दिल्ली पुलिस पता लगाने की कोशिश कर रही है. हालांकि सूत्रों के मुताबिक शुरुआती जांच में ये पता चला है कि इन चारों का कोई क्रिमिनल बैकग्राउंड नहीं है. ना ही ये किसी आतंकी संगठन का हिस्सा हैं. दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक शुरुआती जांच में ये सामने आया है कि चारों एक दूसरे को जानते थे, लेकिन संसद पर हमले की बरसी के दिन संसद में घुसकर इस तरह हंगामा करने के पीछे इन चारों का क्या मकसद था, इसको लेकर फिलहाल पुलिस ये कहते हुए खामोश है कि अभी उनकी तफ्तीश जारी है.
1200 करोड़ खर्च कर बनाई गई थी नई सांसद
जिस संसद भवन में सुरक्षा में ये बड़ी चूक हुई है ये वही नया संसद भवन है, जो इसी साल बनकर तैयार हुआ था. इस नए संसद भवन को बनाने में कुल 1200 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. दावा किया गया था कि सुरक्षा के लिहाज़ से ये नया संसद भवन करीब 100 साल पुराने उस पुराने संसद भवन से हर मायने में बेहतर है. सिर्फ तीन महीने पहले ही 19 सितंबर को इस नए संसद भवन का शुभारंभ हुआ था, लेकिन जिस तरह से 2 लोग एक सांसद के विजिटर पास पर अपने जूते में कलर क्रैकर छुपाकर संसद भवन के अंदर दाखिल हो जाते हैं और फिर विजिटर गैलरी से नीचे छलांग लगा लेते हैं, उससे साफ है कि 13 दिसंबर 2001 से आज भी हमने कुछ नहीं सीखा.
कई लेयर्स पर होती है सिक्योरिटी जांच
अमूमन संसद भवन में लोकसभा या राज्यसभा की कार्यवाही देखने के लिए आम लोगों के जाने पर कोई रोक नहीं है. लेकिन इसके लिए कुछ नियम कानून हैं. जिनमें एक सबसे अहम है कि कोई भी विजिटर जो संसद की कार्यवाही देखना चाहता है या संसद भवन जाना चाहता है, उसे अपने परिचित जो अमूमन उसी सांसद के संसदीय इलाक़े से आते हों, उनकी सिफारिश पर ही विजिटर पास मिलता है. ऐसे विजिटर पास सांसदों और मंत्रियों के अलावा लोकसभा अध्यक्ष की सिफारिश पर भी विजिटर्स को दिए जाते हैं. विजिटर पास मिलने के बाद संसद भवन पहुंचने पर सबसे पहले गेट पर पूरी तलाशी ली जाती है. संसद के अंदर फोन या कोई भी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट ले जाने पर सख्त रोक है. मेनगेट की तलाशी के बाद संसद भवन के अंदर दो लेयर की और सिक्योरिटी होती है. जिसमें फिर से बॉडी सर्च यानी जामा तलाशी होती है. विजिटर या दर्शकों के लिए संसद भवन के अंदर दर्शक दीर्घा सदन के ऊपरी हिस्से में होती है.