दिल्ली सरकार लास्ट माइल कनेक्टिविटी को रफ्तार देने जा रही है. इसके लिए सरकार 1500 ई-स्कूटर लाने जा रही है. सीएम अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में आज हुई उच्च स्तरीय बैठक में लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तहत ई-स्कूटर चलाने का निर्णय लिया गया. इस संबंध में सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि हम द्वारका में ई-स्कूटर का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च करने जा रहे हैं. यहां 250 जगहों पर 1500 ई-स्कूटर उपलब्ध कराए जाएंगे.
यह ई-स्कूटर खुद चलाना होगा और इसके लिए टिकट लेना होगा, जिससे बस और मेट्रो में भी सफर कर सकेंगे. 250 जगहों में से कहीं से ई-स्कूटर ले सकेंगे और इनमें से किसी भी लोकेशन पर वापस छोड़ सकेंगे. 12 महीने के अंदर 250 लोकेशन पर 1500 ई-स्कूटर लाए जाएंगे, जो मेट्रो स्टेशन, बस स्टॉप, हॉस्पिटल समेत भीड़ वाली जगहों पर उपलब्ध होंगे. ई-स्कूटर में स्वैपेबल बैट्री होगी और फुल चार्ज पर अधिकतम 60 किमी. प्रति घंटे की गति से 60 किलोमीटर तक यात्रा कर सकेंगे.
250 में से किसी भी जगह पर छोड़ सकते हैं ई-स्कूटर
अरविंद केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली के ट्रांसपोर्ट सिस्टम में हमने बहुत सारी बसें भी खरीद ली हैं और मेट्रो भी अच्छी चल रही है. लास्ट माइल कनेक्टिविटी अभी एक प्रमुख मुद्दा बना हुआ है. किसी भी नागरिक की लास्ट माइल पर कनेक्टिविटी और सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है. इसके लिए हम ई-स्कूटर ला रहे हैं. हम पहले द्वारका एरिया में पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहे हैं. द्वारका एरिया में करीब 10 मेट्रो स्टेशन और कई बस स्टॉप हैं. द्वारका में 250 लोकेशन पर 1500 ई-स्कूटर उपलब्ध कराए जाएंगे. लोग एक साथ टिकट खरीद सकते हैं. इसके लिए इंटीग्रेटेड टिकट होगा, उस टिकट से आप बस, ई-स्कूटर और मेट्रो में भी सफर कर सकते हैं. उस टिकट की मदद से तय 250 लोकेशन में से कहीं से भी ई-स्कूटर ले सकते हैं. ई-स्कूटर के लिए ड्राइवर नहीं मिलेगा, बल्कि आपको खुद ही चलाना होगा. स्कूटर में ही हेलमेट होगा. आप हेलमेट पहन कर कहीं भी जा सकते हैं और अंत में इन 250 लोकेशन में से कहीं भी ई-स्कूटर को वापस छोड़ सकते हैं.
इन जगहों पर जाने वाले लोग कर सकेंगे इस्तेमाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि सभी ई-स्कूटर होंगे. इनमें स्वैपेबल बैट्री होगी और एक चार्ज में अधिकतम 60 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से 60 किलोमीटर तक यात्रा कर सकते हैं. जिस एजेंसी के साथ एग्रीमेंट होगा, उसके चार महीने के अंदर 100 लोकेशन पर 500 स्कूटर पर आ जाएंगे. उसके अगले 4 महीने के अंदर 100 लोकेशन पर 500 और स्कूटर और उसके अगले 4 महीने के अंदर 100 लोकेशन पर 500 स्कूटर आ जाएंगे. 12 महीने के अंदर 250 लोकेशन पर 1500 ई-स्कूटर उपलब्ध हो जाएंगे. यह कॉन्ट्रैक्ट एजेंसी को सात साल के लिए दिया जाएगा. ये सभी 250 लोकेशन पर सबसे अधिक लोगों की भीड़ होती है. जिसमें मेट्रो स्टेशन, बस स्टॉप, हॉस्पिटल, मार्केट और मॉल समेत जहां भी लोग ज्यादा जाते हैं, वहां ये स्कूटर उपलब्ध कराए जाएंगे. जो कंपनी लोगों से सबसे कम चार्ज करने को कहेगी, उसी कंपनी को यह कॉन्ट्रैक्ट दिया जाएगा.
सेल्फ ड्राइव स्कूटर शेयरिंग का महत्व
दिल्ली के उच्च घनत्व वाले इलाकों में ई-स्कूटर की सेवाएं ट्रैफिक को कम कर सकती हैं और लोगों को सार्वजनिक परिवहन से जुड़ने में मदद कर सकती हैं. एक आदर्श ई-स्कूटर शेयरिंग प्लेटफॉर्म सस्ता और टिकाऊ होना चाहिए. यह सतत और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन है, जिससे कनेक्टिविटी बढ़ती है और सवारियां इसे सार्वजनिक परिवहन की तरह इस्तेमाल कर सकती हैं.
ई-स्कूटर की क्षमता
ई-स्कूटर में स्कैन करने के लिए क्यूआर कोड, ब्लूटूथ कनेक्टिविटी, सीट के नीचे हेलमेट का प्रावधान, एर्गोनोमिक डिजाइन, जीपीआरएस के साथ जीपीएस, हाइड्रोलिक सस्पेंशन के साथ ट्यूबलेस टायर, स्वैपेबल बैटरी प्लस बीएमएस, 150 किलोग्राम भार क्षमता तक शामिल होंगी. एक बार चार्ज करने के बाद स्कूटर कम से कम 60 किमी तक चल सकेगी. इसे अधिकतम गति 60 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलाया जा सकेगा. बीएलडीसी मोटर के साथ मोटर पावर कम से कम 1000 वाट होगी. ई-स्कूटर को फुल चार्ज होने में 3-4 घंटे लगेंगे.
सरकार बनाएगी 10 चार्जिंग और मेंटिनेंस हब
दिल्ली सरकार 100 वर्ग मीटर के क्षेत्रफल वाले 10 चार्जिंग और मेंटिनेंस हब स्थापित करेंगे। इसके साथ-साथ मेट्रो स्टेशनों, बस डिपो और प्रमुख क्षेत्रों के पास और द्वारका उप-शहर के भीतर जरूरत के अनुसार पार्किंग का आवंटन सुनिश्चित करेगी.