दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में शुक्रवार को हुए शूटआउट के बाद सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दायर किया गया है. एडवोकेट विशाल तिवारी ने भारत सरकार और राज्य सरकारों को अधीनस्थ न्यायालयों की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम और उपाय करने के निर्देश देने की मांग की है.
विशाल तिवारी ने अपनी याचिका में बिजनौर, अमृतसर और हिसार सहित देश भर की विभिन्न अदालतों से इस तरह की घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि निचली अदालत में ऐसी हिंसक घटनाएं असामान्य नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं न केवल हमारे न्यायिक अधिकारियों, वकीलों और अदालत परिसर में मौजूद लोगों के लिए खतरा हैं बल्कि यह हमारी न्याय प्रणाली के लिए भी खतरा हैं. अदालत एक ऐसी जगह है जहां लोग कानून की शरण में आते हैं, लेकिन गैरकानूनी गतिविधियां का शिकार बन जाते हैं.
विशाल तिवारी ने अपने आवेदन में हार्डकोर अपराधियों और खूंखार गैंगस्टरों को ट्रायल कोर्ट के समक्ष शारीरिक रूप से पेश करने के बजाय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश करने का निर्देश देने की मांग की गई है. वर्तमान आवेदन एक जनहित याचिका के तहत दायर किया गया है, जो पहले से ही सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है.
बता दें कि जिन शूटरों ने कोर्ट परिसर में बदमाश जितेंद्र उर्फ जोगी पर हमला किया वो इन तीनों गैंगस्टर के टच में थे. ये कुख्यात जेल से बैठकर ही अपना नैटवर्क चला रहे हैं, जोगी से इनकी दुश्मनी थी. शूटर कोर्ट से तीन किलोमीटर दूर रुके हुए थे और उन्होंने कोर्ट की रेकी की थी.