देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार की सुबह जगतपुर गांव में घुसे तेंदुए ने करीब सात घंटों तक आतंक मचाया. उसे रास्ते में जो भी दिखाई देता था, उस पर ही हमला कर देता था. इस दौरान उसने आठ लोगों को घायल कर दिया, जिनमें कई लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है. करीब एक घंटे बाद गांव के लोगों ने तेंदुए को घेरकर एक घर के कमरे में बंद कर दिया. जिस कमरे में तेंदुए को बंद किया गया था, उसके बगल वाले कमरे में चार बच्चे भी सो रहे थे. उसके बाद पहुंची वन विभाग की टीम ने करीब छह घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद उसका रेस्क्यू किया.
जिस महिला के घर में तेंदुआ बंद था, उसने बताया कि वो सुबह छह बजे मंदिर में पूजा करने के लिए निकली थी, लेकिन गांव में शोर मच रहा था कि तेंदुआ आया है. वह बच्चों के कमरे का दरवाजा लॉक करके गई थी. उसने रोते हुए कहा कि अगर दरवाजा बंद नहीं करती तो शायद बड़ी घटना घट सकती थी. कमरे में 11 साल की बेटी जीविका, छह साल के बेटा वेदांत, दो वर्षीय बेटा कनिष्क और 15 साल की भतीजी निधि थी.
कमरे के अंदर बंद रही बच्ची ने बाहर आकर बताया कि वह काफी डर गई थी. चारों ओर शोर हो रहा था. तेंदुआ कमरे में तोड़फोड़ कर रहा था तो वह आवाज साफ सुनाई दे रही थी. कई बार ऐसा भी लग रहा था कि कहीं तेंदुआ कमरे का दरवाजा तोड़कर अंदर न आ जाए, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी.
कमरे से कैसे पकड़ा गया तेंदुआ?
बुराड़ी के जगतपुर गांव में घर के अंदर बंद कमरे से तेंदुए का रेस्क्यू किया गया. उसे पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम ने मांस के टुकड़े का इस्तेमाल किया. मांस के टुकड़े पर नशीली दवा लगाकर कमरे में डाली गई. उसे खाकर तेंदुआ नशे की हालत में हो गया. उसके बाद तेंदुए को पकड़ लिया गया.
घटना के बाद डर के साये में लोग
एक ग्रामीण ने बताया कि उसने सबसे पहले तेंदुआ देखा था, जब वह सुबह साढ़े पांच बजे घर से बाहर निकले थे. जब वो घर से बाहर आए तो तेंदुआ गली में घूमता दिखाई दिया. उन्होंने शोर मचाया तो घर के सदस्य और गांव के लोग बाहर आए, इस बीच उनके बेटे को तेंदुए ने पीछे से पंजा मारकर घायल कर दिया. पूरे गांव में शोर मच गया. घटना के बाद लोग खौफजदा दिखे. लोगों में तेंदुए को लेकर दहशत है.
बच्चों को बचाने के लिए तेंदुए से भिड़े लोग
गांव वालों ने बताया कि तेंदुए से बच्चों को बचाने के लिए लोग तेंदुए से भिड़ गए थे. जिससे वह घायल हो गए. तेंदुए ने कई लोगों पर भी हमला कर दिया. बच्चों के पिता विपिन और चाचा नितिन अधिक जख्मी हैं. घर के बाहर लोगों की भीड़ डंडों और वन विभाग, दिल्ली पुलसि और दमकल विभाग की टीम तैनात नजर आई. कुछ लोग अपने-अपने घरों की छत से घटना को देखते हैं.
पुलिस ने तेंदुए को लेकर क्या बताया?
पुलिस ने बताया, सुबह 6.15 बजे गांव में तेंदुआ घुसने की सूचना मिली थी. दमकल और वन विभाग की टीम के साथ पुलिस गांव में पहुंची तो लोग दहशत में थे. तेंदुए ने आठ लोगों को घायल कर दिया था. सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सभी इसी गांव के रहने वाले थे. तेंदुए के डर से लोग अपने घरों में छिप गए. इस बीच मौका पाकर तेंदुआ भी एक घर में घुस गया. वन एवं वन्यजीव विभाग के मुख्य वन्यजीव वार्डन और एचओडी डॉ. सुनील बक्शी और अन्य अधिकारी गांव में पहुंच गए. वन विभाग की टीम ने उस घर को घेर लिया, जिसमें तेंदुआ छिपा हुआ था. उसके बाद उसे पकड़ने का अभियान शुरू हुआ. कड़ी मशक्कत के बाद उसे पकड़ा जा सका.