स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने मंगलवार को भारत से कुष्ठ रोग के आमूल उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय कुष्ठ निवारण कार्यक्रम की समीक्षा की. इसके अनुरूप स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने अब तक का सबसे बड़ा कुष्ठ रोग निदान अभियान (एलसीडीसी) शुरू किया है.
149 जिलों में चलेगा अभियान
स्वास्थ्य मंत्रालय का ये अभियान 5 सितंबर, 2016 से 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 149 जिलों में शुरु कर दिया गया है. ये अभियान 15 दिन तक चलेगा और इस दौरान 149 जिलों में 32 करोड़ लोगों की जांच की जाएगी.
ये राज्य अभियान में किए गए शामिल
स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस अभियान के तहत जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को रखा गया है, उनमें आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, नगालैंड, ओडिशा, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, चंडीगढ़, दादरा एवं नागर हवेली, दिल्ली और लक्षद्वीप शामिल हैं.
इन जिलों पर विशेष फोकस
इस अभियान में उन जिलों को शामिल किया गया है जहां पिछले तीन सालों में कुष्ठ रोग दर 10,000 की आबादी पर एक से अधिक मामलों में पाई गई है.
297604 टीमों को लगाया गया
इस अभियान में 297604 टीमों को लगाया गया है. प्रत्येक टीम में एक महिला आशा कर्मी और एक पुरुष स्वयंसेवी शामिल हैं. इस अभियान में लगी सभी टीमें निर्धारित क्षेत्रों के प्रत्येक घर में जाकर कुष्ठ रोग के संबंध में परिवार के सभी सदस्यों की जांच करेंगी.
फैलने से रोकने के लिए अभियान
स्वास्थ्य मंत्रालय का मानना हैं कि कुष्ठ रोग निदान अभियान दुनिया में अपनी तरह का अनोखा कदम है. अभियान का उद्देश्य है कि प्रभावित व्यक्तियों में कुष्ठ रोग का शुरुआत में ही निदान कर लिया जाए ताकि उन्हें शारीरिक अक्षमता और अंगों की खराबी से बचाया जा सके. इसके अलावा ऐसे लोगों का समय पर उपचार किया जाएगा तो इसे फैलने से रोका जा सकता हैं.