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LG ने कहा-बिजली माफी के लिए न कोई फंड, न मिली थी कैबिनेट की मंजूरी

दिल्‍ली के उप राज्‍यपाल (एलजी) ने हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने बिल माफी के फैसले के लिए कोई फंड नहीं रखा था.

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अरविंद केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल

बिजली बिल माफ होने का इंतजार कर रहे दिल्‍लीवासियों को झटका लगा है. दिल्‍ली में 49 दिनों तक रही आम आदमी पार्टी की सरकार ने बिजली बिल माफ करने के जो सपने दिखाए थे, वो खोखले साबित हुए हैं. दिल्‍ली के उप राज्‍यपाल (एलजी) ने हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने बिल माफी के फैसले के लिए कोई फंड नहीं रखा था. एलजी ने कोर्ट को यह भी बताया कि फैसले को कैबिनेट की मंजूरी भी नहीं मिली थी.

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'आप' नेता अरविंद केजरीवाल के आंदोलन के दौरान बिजली बिल जमा नहीं करने वालों के बिल माफ करने के मसले पर सुनवाई के दौरान दिल्ली के उपराज्यपाल की तरफ से हाईकोर्ट में हलफनामा दायर किया गया. इसमें कहा गया है कि इस फैसले के लिए किसी भी तरह का फंड नहीं रखा गया था और ना ही इसे कैबिनेट की मंजूरी थी.

केजरीवाल सरकार ने 'बिजली सत्याग्रह' के दौरान बिजली बिल न भरने वालों के बिल 50 फीसदी माफ करने का ऐलान किया था और ऐसे लोगों के खिलाफ मुकदमे वापस लेने की भी बात कही थी. जिन लोगों ने अक्‍टूबर 2012 से दिसम्बर 2013 के बीच बिजली के बिल नहीं भरे थे, आम 'आप' सरकार ने उनके बिलों पर 50 फीसदी की सब्सिडी दी थी. सरकार के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. कोर्ट ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी करके पूछा था कि वो कोर्ट में एक हलफनामा दायर करके बताए कि इस आदेश की क्या स्थिति है? इस मामले पर अगली सुनवाई 22 मई को होगी.

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