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जानिए उपराज्यपाल ने क्यों थपथपाई ईस्ट MCD की पीठ

निगम कमिश्नर ने एलजी को बताया कि इस प्लांट के लिए पूर्वी दिल्ली में 15 जगहें बनाई गई हैं, जहां डिमोलिशन का मलबा डाला जाता है. वहां से मलबा ट्रकों से प्लांट तक पहुंचाया जाता है. उपराज्यपाल को बताया गया कि इस प्लांट में मलबे से सीमेंट, ईंट और रेत बनाई जाती है. लगभग 95 फीसदी मलबे को यहां रिसायकिल कर दिया जाता है.

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उपराज्यपाल ने डिमोलिशन वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट का दौरा किया
उपराज्यपाल ने डिमोलिशन वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट का दौरा किया

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दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने शनिवार को ईस्ट एमसीडी के शास्त्री पार्क में बने कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने मलबे से टाइल्स बनाने की पूरी प्रक्रिया को देखा.

ईस्ट एमसीडी कमिश्नर मोहनजीत सिंह ने उपराज्यपाल को बताया कि ईस्ट एमसीडी ने मॉडल के तहत अगले 15 वर्षों तक के लिए ये प्लांट निजी कंपनी को दिया है.

जो अत्याधुनिक तकनीक के सहारे दिल्ली में डिमोलिशन के दौरान निकले मलबे से टाइल्स बनाने का काम कर रहा है. इस बात का खास खयाल रखा जा रहा है कि इस प्लांट से इलाके के रहने वालों को ना तो धूल की समस्या हो और ना ही ध्वनि प्रदूषण की.

निगम कमिश्नर ने एलजी को बताया कि इस प्लांट के लिए पूर्वी दिल्ली में 15 जगहें बनाई गई हैं, जहां डिमोलिशन का मलबा डाला जाता है. वहां से मलबा ट्रकों से प्लांट तक पहुंचाया जाता है. उपराज्यपाल को बताया गया कि इस प्लांट में मलबे से सीमेंट, ईंट और रेत बनाई जाती है. लगभग 95 फीसदी मलबे को यहां रिसायकिल कर दिया जाता है.

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निगम अधिकारियों ने उपराज्यपाल को बताया कि इस प्लांट के उद्धाटन से अबतक 2 लाख टन मलबे को उपयोग किया जा चुका है. जिससे दिल्ली की लैंडफिल साइटों पर कम संख्या में मलबा पहुंच रहा है. उपराज्यपाल अनिल बैजल ने प्लांट के कामकाज पर खुशी जताते हुए ईस्ट एमसीडी की सराहना भी की है. उपराज्यपाल ने इस दौरान एमसीडी कमिश्नर से शास्त्री पार्क कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट और गाजीपुर वेस्ट टू एनर्जी प्लांट की क्षमता बढ़ाने के लिए कहा. उन्होंने निगम की पूरी तरह से मदद करने का आश्वासन दिया.

उपराज्यपाल ने इसके अलावा पूर्वी दिल्ली के गांधी नगर, गीता कॉलोनी, आईपी एक्सटेंशन और केशव कुंज इलाकों का भी दौरा किया और वहां साफ-सफाई का जायज़ा लिया. कुछ जगहों पर गंदगी पाए जाने पर उन्होंने नाराज़गी जताई तो निगम अधिकारियों ने फंड की कमी का राग अलापा.

 

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