दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने 400 करोड़ रुपये के वाटर टैंकर घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) से जांच के लिए अपनी मंजूरी दे दी है.
केजरीवाल सरकार ने 13 जून को इस घोटाले में शीला दीक्षित के खिलाफ सीबीआई या एसीबी जांच के लिए सिफारिश की थी. उप राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद पूर्व सीएम के खिलाफ जांच का रास्ता साफ हो यगा है. दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने हाल में इस घोटाले की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की थी, जिसके बाद केजरीवाल सरकार ने शीला दीक्षित के खिलाफ जांच की सिफारिश की थी. रिपोर्ट में संकेत दिया गया था कि दिल्ली जल बोर्ड की तत्कालीन अध्यक्ष शीला दीक्षित और जल बोर्ड के अन्य सदस्य बड़ी अनियमितताओं में लिप्त थे.
दिल्ली सरकार में जल विभाग का काम देख रहे मंत्री कपिल मिश्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उप राज्यपाल नजीब जंग को पत्र लिखा था. मिश्रा ने बताया कि उन्होंने इस पत्र में इस मामले की सीबीआई या एसीबी जांच का आदेश देने का अनुरोध किया था क्योंकि दोनों ही जांच एजेंसियां सीधे केंद्र के तहत आती हैं.
Shiela Dixit should be behind the bars now for corruption. The only barrier between Shiela and Tihar is her agents in BJP. 1/2
— Kapil Mishra (@KapilMishraAAP) June 16, 2016
कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया, 'शीला दीक्षित भ्रष्टाचार करने के लिए अब सलाखों के पीछे होनी चाहिए. शीला और तिहाड़ के बीच एक ही अड़चन है और वो है बीजेपी में उनके एजेंट्स.' मिश्रा ने कहा, हम करप्शन के अलग-अलग मामलों में उनके खिलाफ तीन एफआईआर दर्ज करा चुके हैं.
We have filed 3 FIRs against her for various corruption cases and one in depth enquiry report which is with ACB now. 2/2
— Kapil Mishra (@KapilMishraAAP) June 16, 2016