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दिल्ली LG ने केजरीवाल को बुलाया, जब सीएम ने मिलने का समय मांगा तो कर दिया इनकार, बोले- अभी बहुत बिजी हूं

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और सीएम अरविंद केजरीवाल के बीच तकरार बढ़ती जा रही है. मंगलवार को फिर एक ही ऐसा वाकया हुआ. दरअलस एलजी ने सीएम को मिलने के लिए बुलाया था लेकिन जब उन्होंने मिलने का समय मांगा तो एलजी ऑफिस ने यह कहते हुए समय देने से इनकार कर दिया कि वे अभी बिजी हैं.

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दिल्ली के सीएम और उपराज्यपाल के बीच बढ़ती जा रही तकरार (फाइल फोटो)
दिल्ली के सीएम और उपराज्यपाल के बीच बढ़ती जा रही तकरार (फाइल फोटो)

दिल्ली उपराज्यपाल ऑफिस ने सीएम अरविंद केजरीवाल को समय पर मिलने का वक्त देने से इनकार कर दिया. उसने कहा कि एलजी वीके सक्सेना बहुत व्यस्त हैं. वह शुक्रवार शाम 4 बजे से पहले नहीं मिल सकते. एलजी ने सोमवार को शासन शक्तियों पर मौजूदा संघर्ष पर चर्चा करने के लिए सीएम को बुलाया था. सीएम ने एलजी का निमंत्रण स्वीकार करते हुए उन्हें तुरंत लिख दिया था लेकिन आज जब उन्होंने मिलने का समय मांगा तो एलजी कार्यालय ने समय देने से इनकार कर दिया.

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केजरीवाल ने लेटर का यह दिया था जवाब

दिल्ली के सीएम ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर एलजी से मिले लेटर की जानकारी देते हुए लिखा था- विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए मुझे आमंत्रित करने वाले माननीय एलजी का आज का एक पत्र मुझे मिला. मैं निश्चित रूप से उनसे जल्द ही मिलूंगा लेकिन उनके पत्र पर मैंने भी प्रतिक्रिया दी.

उन्होंने अपने ट्वीट में जो लेटर अटैच किया है. उसमें लिखा है कि आपने अपने पत्र की शुरुआत में व्यंग्य के रूप से कहा कि चुनाव अभियानों के बाद मैंने शहर में प्रशासन को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है. AAP एक राष्ट्रीय पार्टी है. इसका राष्ट्रीय संयोजक होने के नाते मुझे देश के कई हिस्सों में चुनाव प्रचार के लिए जाना पड़ता है. वैसे ही जैसे प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और योगी आदित्यनाथ, शिवराज सिंह चौहान, पुष्कर सिंह धामी जैसे मुख्यमंत्री गुजरात और दिल्ली में चुनाव के वक्त अपनी पार्टी के लिए प्रचार कर रहे थे.

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केजरीवाल ने एलजी को लिखा लेटर

दिल्ली की जनता की चुनी हुई सरकार को दरकिनार करने पर आप अपना पक्ष सार्वजनिक करें. अफसरों से सीधे अधिसूचना जारी कराकर 10 एल्डरमैन, पीठासीन अधिकारी और हज कमेटी की नियुक्ति करने पर जनता की ओर से कड़ी आलोचना हुई है.

आपने सरकार को दरकिनार करने की सभी कार्रवाइयों को स्वीकार करते हुए कहा कि उन सभी एक्ट और प्रावधानों में लिखा था कि प्रशासक/उपराज्यपाल नियुक्त करेंगे. बिजली, स्वास्थ्य, पानी, शिक्षा से संबंधित सभी कानून और अधिनियम सरकार को प्रशासक/एलजी के रूप में परिभाषित करते हैं, तो क्या ये सभी विभाग सीधे आप ही चलाएंगे? फिर दिल्ली की चुनी हुई सरकार क्या करेगी? क्या यह निर्वाचित सरकार से संबंधित स्थानांतरित विषयों पर सुप्रीम कोर्ट के सभी निर्णयों के विपरीत नहीं होगा?

यह सवाल दिल्ली और पूरे देश के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. इसलिए निजी बातचीत से बेहतर है कि सार्वजनिक चर्चा हो. सीएम ने एलजी से कहा कि वह उनके जवाब का इंतजार करेंगे.

केजरीवाल ने एलजी को लिखा लेटर

एलजी ने सीएम को यह भेजा था लेटर

एलजी विनय कुमार सक्सेना ने लिखा, ‘पिछले कुछ दिनों में मुझे आपके कई पत्र मिले. मैं इस बात के लिए आपकी प्रशंसा करना चाहता हूं कि आपने शहर के प्रशासन को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया. दिल्ली में प्रशासन को नियंत्रित करने वाले प्रावधानों की सुप्रीम कोर्ट भी कई बार व्याख्या कर चुका है. संविधान सभा, राज्य पुनर्गठन आयोग और संसद में भी इस पर गंभीर विचार-विमर्श हुआ है. उसके बाद ही ये प्रावधान बनाए गए हैं, जो अपने आप में बहुत स्पष्ट हैं. इसे और स्पष्ट करने के लिए हम मिलकर चर्चा कर सकते हैं.

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उन्होंने लिखा- अक्टूबर तक हम नियमित रूप से मिल रहे थे लेकिन उसके बाद राज्यों के विधानसभा चुनाव और एमसीडी चुनाव में व्यस्तता के कारण आपने मिलने में असमर्थता जता दी थी. अब चुनाव खत्म हो गए हैं, तो अच्छा होगा कि दिल्ली की जनता के हितों के लिए सभी मुद्दों पर खुलकर विचार-विमर्श करने और एक विवाद मुक्त प्रशासन चलाने के लिए ऐसी बैठकें फिर से शुरू की जाएं. इससे प्रशासनिक कामों में और स्पष्टता आएगी. आप सुविधानुसार मीटिंग के लिए आने की तारीख तय कर लें.

मनीष सिसोदिया ने LG पर कसा तंज

इसके बाद मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया- माननीय एलजी से डीईआरसी अध्यक्ष की नियुक्ति को तत्काल मंजूरी देने का अनुरोध किया है. आज से पद रिक्त हो गया है. मैंने उनसे यह भी आग्रह किया है कि वे फाइल सीधे अधिकारियों को न भेजें (जैसा कि उन्होंने पिछले हफ्ते 3 मामलों में किया है) क्योंकि यह संविधान और सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न फैसलों के खिलाफ है. उनके इस ट्वीट को अरविंद केजरीवाल ने रीट्वीट किया है.

 

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