चुनाव के पहले अंतिम बजट सत्र में एलजी तेजेंद्र खन्ना के अभिभाषण में शीला दीक्षित सरकार के चुनावी तैयारी की झलक मिली. विपक्ष की टोकाटोकी के बीच एलजी ने सरकार की उपलब्धियों का बखान किया. लेकिन उन मुद्दों को नहीं छुआ जिससे दिल्ली की जनता निजात पाना चाहती है.
अभिभाषण में न तो वसंत विहार गैंगरेप का जिक्र था, न नर्सरी एडमिशन की परेशानी का और न ही बिजली की बढ़ी दरों का. सवाल ये भी है कि जब सरकार फायदे में है तो फिर जनता घाटे में क्यों है.
ये कुछ ऐसी उपलब्धियां हैं जिनका बखान बजट सत्र के शुरुआत में एलजी ने किया. एलजी ने कहा कि सरकार ने पिछले 15 सालों में दिल्ली की तस्वीर बदल दी है. दिल्ली न सिर्फ इंटरनेशनल शहर बन चुका है बल्कि बुनियादी सुविधाओं में भी जर्बदस्त सुधार हुआ है.
महामहिम उपराज्यपाल का कहना है कि सरकार अगले साल सड़कों पर 15 सौ करोड़ खर्च करने जा रही है. इसके अलावा 625 नए लो फ्लोर बसें भी खरीदने जा रही है.
एलजी के अभिभाषण के बाद खुद मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की उपबल्धियों को गिनाने में कसर नहीं छोड़ी. उनका तो यहां तक कहना था कि क्या आपने पहले कभी ऐसी दिल्ली देखी है.
अब सवाल ये है कि जब दिल्ली सरकार ने बिजली के निजीकरण से 30 हजार करोड़ बचाए हैं तो फिर आम आदमी को इसका क्या लाभ मिला. विपक्ष ने तो पूरे अभिभाषण पर सवाल उठाया.
जाहिर है एलजी के अभिभाषण ने सरकार के चुनावी तैयारियों की झलक दे दी, हालांकि सवाल ये है कि जब सरकार फायदे में है जो फिर जनता घाटे में क्यों है.