उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने अधिकारियों को पूर्वी दिल्ली के इलाकों में सड़कों, फुटपाथों, पार्कों और सीवरेज एवं जल निकासी प्रणालियों को ठीक करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल कार्यालय काम की प्रगति की निगरानी करेगा और कोई भी स्थिति रिपोर्ट फोटो या वीडियो साक्ष्य के बिना स्वीकार नहीं की जाएगी.
सक्सेना ने शास्त्री पार्क, मानसरोवर पार्क, सीलमपुर, श्याम लाल कॉलेज, कड़कड़डूमा, सूरजमल पार्क और दिलशाद गार्डन सहित पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों का दौरा करने के बाद यह निर्देश दिया.
अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने सड़कों, स्वच्छता, अतिक्रमण और बंद नालियों की खराब स्थिति को उजागर किया और नागरिक एजेंसियों को तुरंत काम शुरू करने का निर्देश दिया. एक अधिकारी ने कहा, 'काम की दैनिक प्रगति की निगरानी एलजी सचिवालय द्वारा की जाएगी.'
उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल ने विशेष रूप से निर्देश दिया है कि किसी भी एजेंसी की कोई भी प्रगति रिपोर्ट तब तक स्वीकार नहीं की जाएगी जब तक कि वह 'पहले और बाद' की तस्वीरों से फर्क न करता न हो.
उन्होंने सभी संबंधित एजेंसियों - एमसीडी, पीडब्ल्यूडी, डीडीए, डीजेबी से अपने बीच अधिकार क्षेत्र के मुद्दों को सुलझाने के लिए कहा और इस बात पर जोर दिया कि इन्हें किसी भी तरह से काम में देरी नहीं करनी चाहिए. तीन घंटे से अधिक समय तक चली यात्रा के दौरान, सक्सेना युधिष्ठिर सेतु की जीर्ण-शीर्ण स्थिति पर नाखुश थे, जिसकी रेलिंग और फुटपाथ कई स्थानों पर टूटे हुए थे, जिससे विशेष रूप से पैदल चलने वालों और दोपहिया वाहनों के लिए खतरा पैदा हो गया था.
उन्होंने कहा कि कड़कड़डूमा कोर्ट परिसर में वह सड़कों पर बह रही नालियों, धूल से भरी सड़कों और फुटपाथों, टूटे हुए फुटपाथ और कई स्थानों पर यातायात में बाधा उत्पन्न कर रहे बड़े पेड़ों से परेशान थे.
अधिकारियों ने बताया कि सक्सेना ने जिन इलाकों का दौरा किया वहां के निवासियों और आरडब्ल्यूए से भी बातचीत की, इस दौरान लोगों ने अन्य मुद्दों के अलावा सीवर लाइनों में पानी भरने, नालियां जाम होने और टूटी सड़कों और फुटपाथों की शिकायत की.
अधिकारियों ने कहा कि उपराज्यपाल ने अफसोस जताया कि पिछले कुछ वर्षों में किसी भी नागरिक एजेंसी ने इन क्षेत्रों पर कोई ध्यान नहीं दिया, जहां एक बड़ी आबादी जर्जर परिस्थितियों में रहने को मजबूर थी.