दिल्ली पुलिस ने बुधवार को एक हैरतअंगेज कारनामे में फांसी पर झूलती 38 साल की एक महिला को बचा लिया. इस काम में टिगरी पुलिस थाने की टीम लगी थी और उसकी ईआरवी-34 टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया. ईआरवी-34 स्टाफ के त्वरित कार्रवाई का ही नतीजा है कि महिला को समय पर अस्पताल पहुंचाया गया जहां उसकी जान बचाई जा सकी.
3 जुलाई बुधवार को पीसीआर को एक फोन आया जिसमें बताया गया कि संगम बिहार में मकान संख्या बी-250 में कोई महिला खतरे में है. ये फोन कॉल सब इंस्पेक्टर सचिन के लिए था. एसआई सचिन ने खतरा भांपते हुए तुरंत इस मैसेज को ईआरवी-34 को पास कर दिया.
ईआरवी-34 ने घटना की भनक लगते ही कार्रवाई शुरू कर दी और एएसआई सुंदर लाल (आईसी ईआरवी) ड्राइवर एचसी हरीश के साथ घटनास्थल की ओर रवाना हो गए. जितना कम से कम वक्त हो सकता है, उसमें इन दोनों की टीम वहां पहुचं गई. एएसआई सुंदर लाल ने देखा कि मकान की तीसरी मंजिल पर एक महिला सीलिंग फैन से झूल रही है. 38 साल की इस महिला ने अपने दो बच्चों, 16 साल की बेटी और 8 साल के बेटे को बगल के कमरे में बंद कर रखा था.
इसी दौरान बीट अफसर संदीप भी वहां पहुंच गए और पुलिस की इस टीम ने तुरंत बगल से एक वेल्डर को बुलाया. तीन पुलिस अधिकारी और एक वेल्डर ने मिलकर 5-6 मिनट में खिड़की की ग्रिल काटी और कमरे में दाखिल हो गए. कमरे में चुन्नी के सहारेपंखे से लटकती वह महिला दिखी. सबने मिलकर जल्दी में चुन्नी काटी, फंदे को निकाला और आशा देवी नाम की इस बेहोश महिला को नीचे उतारा. आसपास की अन्य महिलाओं की मदद से आशा देवी को तीसरी मंजिल से नीचे उतारा गया और लाकर पीसीआर वैन में लिटा दिया गया. इस कार्रवाई के दौरान पुलिस ने मदद के लिए पीसीआर वैन को भी बुला लिया था.
पीसीआर वैन से आशा देवी को ट्रॉमा सेंटर लाया गया और जल्दी में दाखिल करा दिया गया. फिलहाल उनका इलाज चल रहा है. कहा जा रहा है कि पीड़ित महिला का पति नौकरी के सिलसिले में उस वक्त गुरुग्राम में था और उनका तीसरा बच्चा स्कूल गया था. दिल्ली पुलिस की इस टीम की काफी तारीफ हो रही है जिसने एक हैरतअंगेज कारनामा कर मौत के कगार पर पहुंची 3 बच्चों की एक मां को बचा लिया.