दिल्ली शराब नीति में कथित घोटाला मामले में ईडी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तीसरा नोटिस जारी कर 3 जनवरी को पेश होने को कहा है. इससे पहले दो बार नोटिस मिलने पर भी वह ईडी के सामने पेश नहीं हुए. इसके बाद अब सवाल उठता है कि क्या केजरीवाल बुधवार को ईडे के सामने पेश होंगे या नहीं.
आम आदमी पार्टी के मुताबिक मुख्यमंत्री की लीगल टीम मंथन फिलहाल कर रही है. चर्चा के बाद ही फैसला लिया जाएगा कि अरविंद केजरीवाल ED के सामने पेश होंगे या फिर नहीं. मंगलवार शाम तक भी इस पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया. हालांकि बुधवार की सुबह आम आदमी पार्टी या मुख्यमंत्री दफ्तर की तरफ से आधिकारिक बयान जारी किया जा सकता है.
बता दें कि इससे पहले ED द्वारा भेजे गए 2 समन को लेकर अरविंद केजरीवाल ने लिखित जवाब भेजकर सवाल खड़े किए थे. वह समन को गैरकानूनी और राजनीति से प्रेरित बताते हुए पूछताछ में शामिल नहीं हुए थे. पहले केजरीवाल को दो नवंबर और 21 दिसंबर 2023 को ED ने पेश होने के लिए समन भेजा था. लेकिन वह जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए. दूसरे सामान पर जब दिल्ली के आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को भेजा गया तो वह पंजाब विपश्यना ध्यान के लिए चले गए थे.
30 दिसंबर को विपश्यना ध्यान से लौट के बाद दूसरे सामान पर पेश होने से इनकार करते हुए केजरीवाल ने जांच अधिकारी को एक चिट्ठी लिखी और कहा कि व्यक्तिगत पेशी के लिए उनके खिलाफ जारी किया गया नोटिस कानून के अनुरूप नहीं है, इसे वापस लिया जाना चाहिए.
अब पेश नहीं हुए केजरीवाल तो क्या करेगी ED?
अब सवाल उठता है कि बार-बार अरविंद केजरीवाल को समन जारी कर रही ईडी के पास विकल्प है. दरअसल, तीसरा समन भी अरविंद केजरीवाल को भेजा जा चुका है. दिल्ली के सीएम तीसरे सामन पर पेश नहीं हुए तो परेशानी में पड़ सकते हैं. वरिष्ठ वकील गीता लूथरा ने बताया कि प्रोसेस ये है कि ED समन पर पेश ना होने पर जमानती वारंट, उसके बाद भी पेश ना होने पर गैर जमानती वारंट जारी होता है. उसके बाद भी पेश नहीं होने पर गिरफ्तारी का प्रावधान है.
वहीं पीएमएलए के जानकार बताते हैं कि पेश ना हो पाने की जायज वजह मिले तो ED समय दे सकती है और फिर दोबारा समन देती है. तीन बार ED के समन पर पेश नहीं होने पर एजेंसी कानूनी रास्ता अपना सकती है. लिहाजा जमानती और गैरजमानती वारंट जारी कर सकती है. पीएमएलए के तहत ही केजरीवाल का मामला भी आता है. कोर्ट का आदेश भी कहता है कि ED व्यक्ति को एक तारीख और समय पर एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा जाता है. अवहेलना पर गिरफ्तारी हो सकती है.
ED के पास अन्य क्या विकल्प हैं?
सीएम केजरीवाल अगर पेश नहीं होते हैं तो जांच अधिकारी आवास पर जाकर पूछताछ कर सकते हैं. ठोस सबूत होने पर या सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर गिरफ्तारी कर सकते हैं. यानी अगर दिल्ली के सीएम तीसरे सामन पर पेश नहीं हुए तो परेशानी में पड़ सकते हैं.