एम्स की दीवार तोड़ने की कोशिश के मामले में भले ही सोमनाथ भारती के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली हो, लेकिन सोमनाथ भारती को इस बहाने स्थानीय लोगों का समर्थन मिल गया है. सोमवार को जब लोगों को एफआईआर के बारे में पता चला, तो मोबाइल में बनाए वीडियो और सीसीटीवी फुटेज के जरिए एफआईआर को झुठलाने के लिए सड़क पर उतर आए.
सोमनाथ भारती को मिला स्थानीय लोगों का साथ
'आज तक' की टीम जब गौतम नगर के नाले पर बनी सड़क पर पहुंची, तो लोगों ने खुलकर सोमनाथ भारती की कोशिश का समर्थन किया. सबने रास्ते को खोलने की पुरजोर वकालत भी की. रविवार को हौज खास पुलिस ने मालवीय नगर से एमएलए सोमनाथ भारती को एम्स की प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने और छह सुरक्षा गार्ड्स को जख्मी करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी.
भारती पर लोगों को उकसाकर फेंसिंग तुड़वाने का आरोप
एम्स का आरोप है कि भारती ने भीड़ को एम्स की दीवार तोड़ने के लिए उकसाया और जेसीबी के जरिए दीवार के ऊपर लगी फेंसिंग को तोड़ दिया. सोमनाथ पर यह भी आरोप है कि उन्होंने एम्स की प्रॉपर्टी को न सिर्फ नुकसान पहुंचाया, बल्कि जबरदस्ती अस्पताल की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की. आरोपों के मुताबिक सोमनाथ भारती न तो किसी सरकारी अफसर के साथ रास्ता खुलवाने पहुंचे थे और न ही इसकी सूचना उन्होंने किसी एजेंसी को दी थी.
नाला को कवर कर 2006 में बनाई गई थी सड़क
गौतम नगर के स्थानीय लोगों की अलग ही दलील है. आरडब्ल्यूए के लोगों के मुताबिक गौतम नगर और एम्स के बीच एक नाला बहता है, जिस पर 2006 में कवर करके एक रोड बनाई गई थी. लोगों के मुताबिक जब रोड का निर्माण शुरू हुआ था, तब एमसीडी की तरफ से ये कहा गया था कि ये रोड यूसुफ सराय से साउथ एक्स को जोड़ेगी और गौतम नगर के लोगों के लिए एम्स जाने के साथ ही साउथ एक्स जाने के लिए भी रास्ता मुहैया होगा.
सड़क पर एम्स ने बना ली थी पार्किंग
सड़क निर्माण होने के बाद इसे फैंसिंग के जरिए गौतम नगर के लोगों के लिए बंद कर दिया गया और एम्स ने इस सड़क को अपनी पार्किंग बना लिया. पिछले पांच-छह सालों से लगातार इस सड़क को खोलने की मांग की जाती रही है, लेकिन अलग-अलग एजेंसियों के बीच तालमेल नहीं होने की वजह से सड़क नहीं खुल पाई. ये नाला साउथ एमसीडी के तहत आता है और इस पर सडक का निर्माण पीडब्ल्यूडी ने किया है.
पीडब्ल्यूडी ने की थी रास्ता खोलने की सिफारिश
साउथ एमसीडी और एम्स के बीच हुए एक समझौते के मुताबिक इस रोड को एम्स को बिना शर्त लीज पर दिया गया था, लेकिन विरोध के बाद साउथ एमसीडी समझौते से पीछे हट गई. इसके बाद पीडब्ल्यूडी ने इस रोड को जनता के लिए खोलने की प्रक्रिया शुरू की. इसके लिए हुई बैठकों में एम्स की तरफ से कोई शामिल नहीं हुआ, जबकि साउथ एमसीडी की तरफ से एम्स को रास्ता खोलने के लिए कई बार अनुरोध किया गया. पीडब्ल्यूडी की एम्स के निदेशक को लिखी चिठ्ठी के मुताबिक एम्स की तरफ से जवाब नहीं मिलने की सूरत में सड़क को आम जनता के इस्तेमाल के लिए खोलने की सिफारिश कर दी गई.
गार्ड के जख्मी होने के आरोप पर सवाल
इसी सिफारिश को आधार बनाकर सोमनाथ भारती सड़क को खुलवाने पहुंचे थे, लेकिन यहां पुलिस और एम्स प्रशासन के पहुंचने के बाद काम रोक दिया गया. स्थानीय लोगों का कहना था कि पूरे घटनाक्रम के दौरान पुलिस मौके पर मौजूद थी और किसी भी पक्ष के किसी भी व्यक्ति को चोट नहीं आई थी. ऐसे में एम्स के छह गार्डों के जख्मी होने की बात भी सही नहीं है. जबकि एफआईआर के मुताबिक एम्स के छह गार्ड इस घटना में घायल हुए थे.
बीजेपी ने कहा- भारती ने जबरन रास्ता खुलवाने की कोशिश की
दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय के मुताबिक सोमनाथ भारती ने जो किया वो कानून को ताक पर रखकर किया. उपाध्याय के मुताबिक हो सकता है कि लोगों की मांग जायज हो और जनता के हित में रास्ता खोलने की भी जरूरत हो, लेकिन ये काम कानून के मुताबिक होना चाहिए था. उन्होंने कहा कि सोमनाथ भारती ने जबरदस्ती रास्ता खुलवाने की कोशिश की.