लोकसभा चुनाव को लेकर सभी दल अपनी चुनावी तैयारियों में जुट गए हैं और अपने-अपने राजनीतिक समीकरण सेट करने में लगे हैं. चुनाव को लेकर दिल्ली में भी स्थिति अभी साफ नहीं है हालांकि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में राजनीतिक रस्साकशी और तेज होती जा रही है.
इसी कड़ी में कल दिल्ली कांग्रेस दफ्तर में नेताओं की बड़ी बैठक बुलाई गई थी जिसमें तकरीबन 68-70 नाम की लिस्ट कांग्रेस आलाकमान को भेजी गई. इस बैठक में कांग्रेस नेताओं ने एक स्वर में ऐलान किया कि दिल्ली में कांग्रेस सभी सातों लोकसभा सीट पर अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी और उन्हें केजरीवाल से किसी भी तरह का गठबंधन मंजूर नहीं.
दिल्ली कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मंत्री हारून यूसुफ का भी साफतौर पर कहना है कि शीला दीक्षित के आने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में पूरी तरह से जोश है और दिल्ली की सातों लोकसभा सीट पर कांग्रेस जीतेगी क्योंकि केजरीवाल के झूठे वायदों को दिल्ली की जनता पूरी तरह पहचान चुकी है. जिस तरह से दिल्ली में आम आदमी पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन के लिए आतुर नजर आ रही है उस पर तंज कसते हुए कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष हारून यूसुफ का कहना है कि केजरीवाल की यही बेचैनी कांग्रेस का आत्मविश्वास है और यह जाहिर करता है कि दिल्ली की सभी सातों सीट कांग्रेस अपने दम पर जीतने जा रही है और अब दिल्ली में केजरीवाल का कोई वजूद नहीं बचा है.
तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस से कोई वाजिब जवाब नहीं मिलने के बावजूद भी सत्तारुढ़ आम आदमी पार्टी गठबंधन को समय की मांग बताती नजर आ रही है चाहे कांग्रेस के साथ या कांग्रेस के बिना और आप पार्टी भी अपने दम पर चुनाव लड़ने की ताल ठोकती नजर आ रही है.
आप नेता संजय सिंह का कहना है कि आम आदमी पार्टी अपने दम पर सातों लोकसभा सीट जीतकर दिखाएगी. जाहिर है जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव करीब आ रहे हैं वैसे-वैसे केजरीवाल और कांग्रेस के बीच गठबंधन की खबरों की तल्खियां भी साफ जाहिर होने लगी है और यह तल्खियां पार्टी नेताओं के बयानों में साफ नजर आ रही हैं.
अब देखना होगा कि दिल्ली में बीजेपी से मुकाबले के लिए बयानों की बहादुरी से मुकाबला होगा या गठबंधन की गांठ से मुकाबला.